School Bus Rules: हादसे के बादबाद जागा प्रशासन, जानिए क्या है Bus Rule ?

हादसे के बाद जागा प्रशासन, तीन दिन में 908 स्कूल बसें इम्पाउंड, 1160 के काटे चालान

स्कूल बस में बच्चों की सुरक्षा के लिए सख्त बनाए गए हैं नियम।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद भी पूरे नहीं किया जा रहे नियम।
School Bus Rules: महेंद्रगढ़ के गांव उन्हानी में हुए स्कूल बस हादसे के बाद से सभी अभिभावक अपने बच्चों को बस से स्कूल भेजने के लिए चिंतित है। ऐसे में सभी अभिभावकों की परेशानी यही है कि उनके बच्चे क्या बस में  School Bus Rules सुरक्षित स्कूल पहुंच पाएंगे या नहीं। लगातार निजी स्कूलों के खिलाफ विरोध के स्वर प्रखर होते जा रहे हैं।

 

स्कूल में बस से आने-जाने के लिए छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए 2017 में ही हरियाणा सरकार की ओर से पॉलिसी बना दी गई थी। स्कूल सेफ्टी के लिए बनाई गई इस नियमावली में शिक्षा निदेशालय द्वारा स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करते हुए आदेश दिए गए थे कि नियमों का पालन शक्ति से किया जाना चाहिए। पॉलिसी के तहत 23 पेजों में स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए बड़े सख्त नियम बनाए गए थे।

जानिए क्या है स्कूल बस के नियम School Bus Rules

  • किसी भी स्कूल संचालक को अपनी बस चलाने के लिए इन नियमों का पालन करना जरूरी है।
  • बस का रंग पीला होना चाहिए। उस पर स्कूल बस लिखा होना चाहिए ।
  • यह बस किस रूट पर चलाई जा रही है उसका रूट डिस्प्ले होना चाहिए ।
  • बस में किसी भी प्रकार का डार्क फिल्म या पर्दे नहीं लगी होनी चाहिए ।
  • बस के चलने के लिए वैथ फिटनेस सर्टिफिकेट, पॉल्यूशन तथा इंश्योरेंस होना आवश्यक है।
  • खिड़की पर होरिजेंटल लोहे की ग्रिल लगी होनी चाहिए।

 

  • फर्स्ट एड का बॉक्स, अग्निशमन यंत्र, स्पीडSCHOOL BUS RULE
  • गवर्नर यंत्र किसी भी बस की स्पीड 30 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
  • जितनी सीट है उतने बच्चों का स्थान लाने ले जाने के लिए निर्धारित होना चाहिए।
  • 5 साल से कम अनुभव वाले ड्राइवर को ड्राइवर नहीं रखा जा सकता, ऐसा भी ड्राइवर जिसके खिलाफ पूर्व में कोई चालान हुआ हो उसे भी ड्राइवर के तौर पर नियुक्त नहीं किया जा सकता।
  • ड्राइवर को सभी यातायात नियमों का पालन करना चाहिए।

 

  • टेलीफोन नंबर, ईमेल, बस इंचार्ज का नंबर आदि सभी बस पर अंकित होना चाहिए ।
  • यदि ड्राइवर खतरनाक तरीके से वाहन चला रहा है तो उसे नौकरी से तुरंत प्रभाव से हटाना होगा।
  • यदि इस संदर्भ में कोई शिकायत की जाती है तो उस शिकायत का 3 दिन के अंदर अंदर जवाब देना भी सुनिश्चित करना होगा।

 

  • शिकायत का तुरंत निपटारा करना होगा।
    यदि बच्चे बस से आते हैं तो उसे स्कूल से ले जाने के लिए पेरेंट्स की परमिशन या अधिकृत पारिवारिक प्रतिनिधि का होना आवश्यक है।
    स्कूल में बस से बच्चों को उतारने व चढ़ाने के लिए पर्याप्त रास्ता होना चाहिए।
  • यदि बच्चा केजी क्लास से दूसरी क्लास के पढ़ते हैं तो उसे ग्रुप में ले जाना होगा, जिसके लिए एक प्रतिनिधि स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी।
  • इतना ही नहीं बस में आवश्यक रूप से एक महिला टीचर व महिला हेल्पर की नियुक्ति की जानी चाहिए और यह महिला टीचर व हेल्पर जब बस बच्चों को उतार देगी , बस खाली हो जाएगी तो उसके बाद ही अपनी ड्यूटी से फ्री हो सकेंगे।

 

  • बच्चों की नियमित रूप से बस में आने-जाने के लिए हाजिरी ली जानी चाहिए।
  • घर के बिल्कुल पास बच्चों को छोड़ा जाएगा बस के दरवाजे बंद होने चाहिए। इमरजेंसी गेट क्लियर होना चाहिए ।
  • 5वीं क्लास से यदि बच्चे कम है तो उन्हें घर के नजदीक पेरेंट्स को ही सुपुर्द किया जाएगा।
  • किसी अन्य स्थान पर या अकेला नहीं छोड़ा जा सकता। बस में जीपीएस सिस्टम लगा होना चाहिए।
    यदि बस सड़क पर रूकती है तो किसी अन्य ट्रैफिक को कोई रुकावट ना हो इस बात का भी ख्याल रखा जाना चाहिए।

ये नियम भी जरूरी School Bus Rules

इतना ही नहीं पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश के बाद हरियाणा राज्य बच्चों के अधिकार आयोग की ओर से 13 अगस्त 2019 को भी बस के लिए 21 नियम एवं शर्तें बताई गई थी।

जिसके अनुसार 15 दिन की रिकॉर्डिंग वाले डीवीआर कैमरा मॉनिटर बस में लगाए जाने चाहिए और 6 मीटर की बस में एक कैमरा तथा इससे बड़ी बस में दो कैमरे लगाए जाने चाहिए और प्रत्येक ड्राइवर का मेडिकल सीएमओ से 3 साल के अंदर एक बार अवश्य कराया जाना चाहिए।