Haryana News: उप-मुख्यमंत्री Dushyant Chautala को दिखाएं काले झंडे

Hisar News: उप-मुख्यमंत्री Dushyant Chautala को दिखाएं काले झंडे

Haryana News: भले ही भाजपा के साथ मिलकर जजपा ने किसान हित में कितने भी कार्य किए हो, लेकिन Haryana उप-मुख्यमंत्री Dushyant Chautala का हरियाणा में कई जगह जमकर विरोध किया जा रहा है। शुक्रवार को हिसार के नरनौंद उप-मंडल में किसानों का एक समूह पूर्व Haryana उप-मुख्यमंत्री Dushyant Chautala को काले झंडे दिखाए।

 

 

कार रोकी मिलने पहुंचे, फिर भी नहीं थमे नारे

किसानों और कुछ गांववालों ने Dushyant Chautala की कार को गांव के बाहर रोक लिया और नारे लगाए। इसके अलावा, Dushyant Chautala उप-मंडल के एक और गांव में विरोध का सामना किया। किसानो के नारे बाजी ा को लेकर चोटाला चुपचाप कार से निकल गए।

कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज़ नहीं उठाई

Dushyant Chautala ने नारा गांव में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए पहुचे थे, जिसके दौरान उन्हें पार्टी के कार्यकर्ताओं से भी मिलना था। प्रदर्शन करने वाले किसानों ने उत्तराधिकारी 750 किसानों के लिए उसका इलाज नहीं किया, जो कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की आंदोलन में मारे गए थे, जो अब रद्द हो गए हैं। उस समय JJP Haryana में शासक बीजेपी का सहयोगी था।

Dushyant Chautala को हुई किरकरी

पूर्व उप-मुख्यमंत्री शुक्रवार को हिसार जिले के नरनौंद विधानसभा क्षेत्र में एक-दिवसीय दौरे पर थे। सड़क पर किसानों के प्रदर्शन को देखकर जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेता अपनी कार से उतरे और किसानों से बात करने की कोशिश की। जब किसानो ने नही सुनी तो वे वहां से निकल पडे

गमड़ा गांव में दिखाए काले झंडे

प्रदर्शन करने वाले किसानों ने नारे लगाना जारी रखा। इसके बाद Dushyant Chautala अपनी कार में बैठे और उनका दल वहां से आगे बढ़ गया। उप-मंडल के गमड़ा गांव में भी JJP नेता को काले झंडे दिखाए गए। वहां एक बड़ी संख्या में महिलाएँ भी मौजूद थीं।

भाजपा-जजपा के नेताओं को नहीं घुसने देंगे गांवों में

दुष्यंत गांव गामड़ा पहुंचे तो पहले से ही तैयारी में बैठे गांव गामड़ा के ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू कर दिया और चेतावनी दी कि भाजपा को यमुना पार करने वाले सत्ता के लालच में उनकी गोद में बैठे रहे। जब भाजपा ने उनको बाहर का रास्ता दिखाया तो आज उनको गांव के भोले भाले लोगों की याद आई।

आज किसान जागरूक हो चुका है। एमएसपी के लिए दिल्ली जा रहे किसानों के रास्ते में कांटा बिछाने वाले दलों के नेताओं के लिए गांव-गांव की सीमाओं में बॉर्डर बनाकर बैठेंगे और इन्हें गांव में घुसने से रोकेंगे।