Haryana News: हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश के 1.20 लाख अस्थायी कर्मचारियों को सर्विस सिक्योरिटी देने का बड़ा वादा किया था। सरकार बनते ही उन्होंने इस घोषणा को अमलीजामा पहनाते हुए कैबिनेट की बैठक में अध्यादेश पारित कराया और 15 अगस्त 2024 को इसे अधिसूचित कर दिया। इससे कर्मचारियों में उम्मीद जगी कि अब उनकी नौकरी सुरक्षित हो जाएगी।Haryana News
अधिनियम बना लेकिन लागू नहीं हुआ
हालांकि कुछ विभागों को छोड़कर बाकी जगह अफसरों ने इस अध्यादेश को लागू नहीं किया। उन्हें लगा कि सरकार बदल जाएगी। लेकिन भाजपा ने लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी कर ली और नायब सिंह सैनी ने 17 अक्टूबर 2024 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके बावजूद अधिकांश विभागों में अस्थायी कर्मचारियों को सर्विस सिक्योरिटी नहीं मिली।Haryana News
विधानसभा में पारित हुआ विधेयक
छह महीने बाद सरकार ने इस अध्यादेश को विधेयक के रूप में विधानसभा में पारित करवाया। राज्यपाल की मंजूरी के बाद इसे स्थायी कानून बना दिया गया। इसके बावजूद अधिकारी इसे लागू करने में टालमटोल करते रहे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी लगातार दावा करते रहे कि 1.20 लाख कर्मचारियों को सर्विस सिक्योरिटी मिल चुकी है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही दिखती है।
नियम बने लेकिन प्रक्रिया अधूरी
सरकार ने एक साल बाद सर्विस सिक्योरिटी एक्ट के तहत नियम अधिसूचित किए, जिनमें आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-1 के कर्मचारियों को भी शामिल किया गया। कई कर्मचारी जो हरियाणा कौशल रोजगार निगम में पोर्ट नहीं हुए थे, उन्हें अब तक यह सुविधा नहीं मिल पाई।
पोर्टल खुलने का इंतजार
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने घोषणा की थी कि कर्मचारियों के आवेदन के लिए एक पोर्टल खोला जाएगा, लेकिन अब तक वह पोर्टल शुरू नहीं हुआ है। नतीजतन, हजारों अस्थायी कर्मचारी अब भी अपने रोजगार की सुरक्षा के इंतजार में हैं और सरकार की अगली कार्रवाई पर टिकी निगाहें लगाए हुए हैं।

















