रेवाडी Zero Waste City बनाया जएगा। इसी को लेकर ठोस कचरा प्रबंधन के लिए नया ड्राफ्ट तैयार किया गया है। क्योंकि प्लास्टिक कचरे का उचित प्रबंधन खासतौर से हरियाणा में गंभीर चुनौती बन चुका है। घरों, बाजारों और उद्योगों से निकलने वाला प्लास्टिक वेस्ट अक्सर सरेआम खुले में फेंक दिया जाता है। इन्हीं के चलते जलाशयों, नालियों और खेतों में जाम और प्रदूषण की समस्या आये दिन बढती ही जा रही है।तेजी से बढ रही समस्या को लेकर स्वच्छ भारत मिशन के तहत रेवाड़ी में पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।Zero Waste City
यूनिट में प्लास्टिक कचरे का संग्रहण और वर्गीकरण किया जाएगा। मशीनों की सहायता से प्लास्टिक को पुनर्चक्रण या अन्य उपयुक्त तकनीक के माध्यम से निस्तारित किया जाएगा। इससे न केवल प्लास्टिक वेस्ट का सही प्रबंधन होगा बल्कि इसके दोबारा उपयोग के अवसर भी पैदा होंगे। इस प्रक्रिया से पर्यावरण में प्लास्टिक के कारण होने वाले प्रदूषण को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।Zero Waste City
यहां लगेगी यूनिट: बता दे कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-2 योजना के तहत जिले में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट तीन यूनिट स्थापित की जाएगी। हरियाण के जिला रेवाड़ी, नाहड़ और बावल ब्लॉक में लागू होगी। इन यूनिटो मकसदप्लास्टिक कचरे के प्रभावी प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण को सुनिश्चित करना है।Zero Waste City
जानिए क्या है योजना: यूनिट स्थापित होने के बाद ब्लॉक के सभी गांवों से प्लास्टिक कचरा यूनिट में भेजा जाएगा जिससे ग्रामीण स्तर पर भी स्वच्छता और कचरे के प्रबंधन में सुधार होगा। यह कदम स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-2 की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। ग्रामीण और स्थानीय निकायों को इस प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा ताकि प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट केवल सरकारी परियोजना न रहकर सामूहिक जिम्मेदारी के रूप में अपनाई जा सके। इतना इसके लागू होने पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
इनको सोंपी जिम्मेदारी: बता दें कि इस परियोजना के तहत यूनिट की स्थापना के लिए संबंधित ब्लॉक के बीडीपीओ को जिम्मेदारी सौंपी गई है। यानि बावल नाहड व रेवाडी हो ही जिम्मेदारी दी गई हैं। बीडीपीओ को सुनिश्चित करना होगा कि यूनिट के लिए उपयुक्त स्थान का चयन, बिजली कनेक्शन, सड़क और वाहनों के आवागमन की व्यवस्था सही ढंग हो ताकि कचरा वहा तक पहुंच सके।
















