दिल्ली: भाजपा के जिन पांच मुख्यमंत्रियों को बदला गया है, उनमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का कार्यकाल सबसे छोटा रहा। उन्होंने 10 मार्च को पदभार ग्रहण किया और 2 जुलाई को इस्तीफा दे दिया। वे तीन महीने भी कुर्सी पर नहीं रह सके। तीरथ गढ़वाल से लोकसभा सांसद थे। दावा यह भी किया गया कि उत्तराखंड में एक साल बाद चुनाव होने थे। इस वजह से चुनाव आयोग किसी भी विधानसभा सीट पर उपचुनाव नहीं करवाने वाला था। अगर तीरथ मुख्यमंत्री बने रहते तो उनके लिए विधानसभा सदस्य बन पाना मुश्किल हो सकता था। कानूनन उन्हें 10 सितंबर तक किसी भी स्थिति में विधानसभा का सदस्य होना आवश्यक था। तीरथ के बाद पुष्कर सिंह धामी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया। तीरथ अब भी लोकसभा सदस्य हैं।
P Chauhan
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