हरियाणा: दिल्ली एनसीआर सहित हरियाणा में पिछले पांच दिन से तेजी से पाला जम रहा है। इसका सीधा असर फसलों पर पड़ रहा है। सबसे ज्यादा पाले की मार सब्जियों पर पड़ रही है। अगर आगे दो तीन और ऐसी स्थिति रही तो सरसों, चना सहित सब्जियों की फसलें नष्ट हो जाएंगी।
लगातार पड़ रहे पाले के कारण फसलों में नुकसान होना शुरू हो गया है। किसानो के नींउ उडने लगी है। इस लेख के माध्यम से किसानो पाले की मार से बचाव के कुछ उपाय बताए गए है।
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हिसार में पड़ रही ठंड अब तक की रिकार्ड ठंड कही जा सकती है। उत्तर-पश्चिमी शीत हवाओं के चलने से हरियाणा के ज्यादातर क्षेत्रों में रात्रि तापमान में गिरावट दर्ज हुई है। पिछले तीन दिनों से तेज ठंडी हवाएं चल रही हैं, जिससे राज्य के उत्तर पश्चिम और दक्षिण क्षेत्र के कुछ जिलों में पाला भी पड़ा।
12 को टूटा रिकार्ड: मौसम विभाग के अनुसाार ठंड तो पहले भी पडी है, लेकिन कई जमा रहा पाला ने एक बार फिर हरियाणा मे रिकोर्ड तोड दिया है। इस बार हिसार में ठंड का 12 साल का रिकार्ड टूट गया है। हिसार में तापमान -1.3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है जो प्रदेश में सबसे कम है।
पाले से बचाव के लिए जानिए क्या करें किसान
कृषि वेज्ञानिको के अनुसार पाला का असर सीधा फसलो पर पड रहा है। पाले से बचाव के लिए किसानों को हल्की सिंचाई करनी चाहिए। जरूरत पडऩे पर बीस दिनों बाद हल्की सिंचाई कर सकते हैं। वहीं पाला से बचाव के लिए यथासंभव खेतों के किनारे (मेड़) आदि पर धुआं करें। इससे पाला का असर काफी कम पड़ेगा।
दवा का करे छिडक़ाव: पौधे का पत्ता यदि झड़ रहा हो तो शुरुआत में ही दवा का छिडक़ाव करें। प्रति लीटर दो ग्राम मयंकोजेब नामक का छिडक़ाव करने से पाला का असर कम हो जाएगा। इससे फसल को नुकसान होने से बचाया जा सकता है।
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आलू, बैंगन, टमाटर फसलो के लिए ये जरूरी:
पाला जमने से टमाटर आलू, बैंगन की सब्जिया प्रभावित हो रही है। ऐसे मे किसानो को सब्जियो के पौधों के पास धुआं करें, जिससे उस पर पाला पडऩे के आसार नहीं रहे। इसके अलावा इस मौसम में आलू, बैंगन की फसल भी प्रभावित हो सकती है।
सरसों के लिए ये करे किसान:
यदि सरसों की फसल फ्लॉवरिंग स्टेज पर है। और इस स्थिति में पाला पड़ता है तो पौधे मृत प्राय: हो जाएंगे। इसके लिए जरूरी है कि सरसों के खेतों में पानी की सिंचाई कर दें। जिससे पाला पडऩे के आसार मिट जाएंगे। फिलहाल तीन चार दिन से पाला जम रहा है, ऐसे में ये पाला सरसो के लिए घातक बनता जा रहा है।

















