मौसमदिल्लीबिहार विधानसभा चुनाव 2025CET 2025राजस्थानमनोरंजनराशिफलबिजनेसऑटो मोबाइलरेवाड़ीआध्यात्मिकअन्य

पजांब की राजनीति में आया भूचाल, दिल्ली पहुचे कैप्टन अमरिंदर सिंह, बीजेपी में शामिल की कयावद

On: September 28, 2021 1:00 PM
Follow Us:

पंजाब: पंजाब में सीएम की कुर्सी से हटाए जाने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह मंगलवार शाम दिल्ली पहुंच रहे हैं। यहां पर वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से मिलेगें । इसी बात को लेकर पंजाब की सियासत में खलबली मच गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि कैप्टन बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। विरोधी पार्टियों और राजनीतिक विश्लेषक से लेकर कांग्रेसी भी कैप्टन के रुख का इंतजार कर रहे थे। अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिद्धू के साथ चली कलह के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।

इस्तीफे के बाद भाजपा को भी बताया था विकल्प:
कैप्टन ने जब पद से इस्तीफा दिया तो भाजपा में न जाने पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया था। कैप्टन ने कहा कि सभी विकल्प खुले हैं। राजनीति के 52 साल के अनुभव और साढ़े 9 साल मुख्यमंत्री रहने पर उनके कई दोस्त बने हैं। वो समर्थकों से विचार कर फैसला लेंगे। अमित शाह से वो पहले भी मिलते रहे हैं, लेकिन तब वो मुख्यमंत्री थे। अब अचानक उनके दिल्ली जाने से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वो भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

कैप्टन पहले भी बना चुके थे मन:
साल 2017 में जब पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस हाईकमान के साथ उनकी ठन गई थी, तब प्रताप सिंह बाजवा पंजाब कांग्रेस के प्रधान थे। उस वक्त कैप्टन ने पहले जाट महासभा बनाकर कांग्रेस को चुनौती दी। हालांकि बाद में उन्हें प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंप दी गई। इसके बाद कैप्टन ने कहा था कि उस वक्त वह भाजपा में जाने के बारे में सोच रहे थे

क्या कृषि कानून की वापसी बनेगी कैप्टन की सीढ़ी?
इस मामले में बड़ा सवाल यह है कि क्या किसानों के विरोध का कारण बने केंद्रीय कृषि सुधार कानून कैप्टन अमरिंदर सिंह की सियासत की नई सीढ़ी बनेंगे। किसान करीब एक साल से दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। किसान आंदोलन को कैप्टन ने मुख्यमंत्री रहते पूरा समर्थन दिया। वह दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर भी कानून वापसी की मांग करते रहे। अब चर्चा यही है कि क्या कैप्टन BJP का दामन थामने के बाद या उससे पहले यह कानून वापस करवाकर पंजाब की सियासत में नई पारी शुरू करेंगे?।

सीधे शामिल होंगे या नई पार्टी बनाएंगे?
कैप्टन को लेकर अब बड़ा सवाल यह भी है कि क्या वे सीधे भाजपा में शामिल होंगे। इसके अलावा वह नई पार्टी बनाकर भी ऐसा कर सकते हैं। कैप्टन ने पंजाब में जाट महासभा बनाई थी। हालांकि, उनके CM बनने के बाद यह संगठन बैकग्राउंड में चला गया था। अब चर्चा है कि वह फिर से ऐसे ही संगठन के तरीके से अपनी ताकत बढ़ाएंगे। जिसके बाद सीधे भाजपा में या फिर गठजोड़ की राजनीति के जरिए पंजाब की सियासत में कोई धमाका कर सकते हैं।

कुर्सी छोड़ने के बाद सिद्धू और कांग्रेस हाईकमान पर किया था हमला
कैप्टन ने कहा था कि उन्हें अपमानित होकर मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी। इसके बाद उन्होंने सिद्धू पर बड़ा हमला किया था। सिद्धू को एंटी नेशनल बताते हुए ऐलान कर दिया कि वो उन्हें पंजाब का CM नहीं बनने देंगे। सिद्धू को जीतने से रोकने के लिए मजबूत कैंडिडेट उतारेंगे। वहीं, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अनुभवहीन तक बता दिया था। कैप्टन ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं अजय माकन और केसी वेणुगोपाल पर भी हमला किया था।

 

क्या पंजाब में कांग्रेस बड़ा सियासी मौका चूक गई?
कांग्रेस के भीतर कैप्टन के रुख को लेकर बड़ा सवाल यह भी है कि क्या कांग्रेस पंजाब से लेकर राष्ट्रीय राजनीति में आने का बड़ा सियासी मौका चूक गई? ऐसा इसलिए क्योंकि पंजाब ही ऐसा राज्य था, जहां कांग्रेस दोबारा सत्ता में आती दिख रही थी। कैप्टन ने किसान आंदोलन का समर्थन कर किसानों को खुश कर रखा था। किसान पंजाब में सबसे बड़ा वोट बैंक हैं।

नवजोत सिद्धू के पंजाब प्रधान बनने की चर्चाओं से पहले पंजाब कांग्रेस में कोई बड़ी गुटबाजी नहीं थी। हालांकि अब सिद्धू व उनके करीबियों ने कैप्टन को निशाने के बहाने अपनी ही सरकार की नाकामियों की फेहरिस्त गिना रखी है। राजस्थान व दूसरे राज्यों में कांग्रेस बड़ी गुटबाजी का शिकार है। पंजाब में जीत मिलती तो 2024 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के पास राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा हथियार था, जो अब मुश्किल लग रहा है।

P Chauhan

हमारा मकसद देश की ताजा खबरों को जनता तक पहुंचाना है। मै पिछले 5 साल में पत्रकारिता में कार्यरत हूं। मेरे द्वारा राजनीति, क्राइम व मंनोरजन की खबरे अपडेट की जाती है।

Join WhatsApp

Join Now

google-newsGoogle News

Follow Now