पंजाब: मंगलवार को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर नवजोत सिंह सिद्धू ने सभी को हैरान कर दिया। सिद्धू इस पद पर पांच हफ्ते से भी कम समय के लिए रहे। कैप्टन अमरिंदर सिंह के सीएम पद पर रहते सिंद्धू और उनके बीच लंबे समय तक तकरार की स्थिति बनी रही। पहले अमरिंदर सिंह ने सीएम के पद से इस्तीफा दिया और अब सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू ने इस पद से इस्तीफा क्यों दिया?
जानिए इस्तीफा देने के कारण:
– कांग्रेस नेतृत्व ने पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री के तौर पर सिद्धू की पसंद चरणजीत सिंह चन्नी का समर्थन किया। लेकिन सुखजिंदर सिंह रंधावा को डिप्टी सीएम बनाने से सिद्धू नाराज बताए जाते हैं।
– सिद्धू खुद भी एक जाट सिख हैं। ऐसा माना जाता है कि सुखजिंदर सिंह रंधावा को आगे बढ़ाए जाने के बाद सिद्धू को खतरा नजर आने लगा था। दरअसल उनका निशाना 2022 विधानसभा चुनाव पर था जिसमें वो खुद को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर देख रहे थे। लेकिन रंधावा को सिद्धू अपनी महत्वकांक्षाओं के आगे रोड़ा मानते हैं।
– रविवार को जब पंजाब में नए कैबिनेट में 15 मंत्रियों को शामिल किया गया था। तब उस वक्त भी सिद्धू नाराज नजर आए थे। कैबिनेट के नामों पर राहुल गांधी ने खुद मुहर लगाई थी। इस कैबिनेट में सिद्धू के करीबियों कुलजीत सिंह नागरा और सुरजीत सिंह धीमान को जगह नहीं दी गई थी।
– कपूरथला के चर्चित चीनी कारोबारी राणा गुरजीत सिंह की कैबिनेट में वापसी भी सिद्धू की नाराजगी से जोड़ कर देखी जा रही है। घोटाले का आरोप लगने के बाद राणा गुरजीत सिंह ने 4 साल पहले अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में अपने मंत्रालय से इस्तीफा दिया था। सिद्धू राणा की वापसी का विरोध कर रहे थे। लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने सिद्धू के विरोध को नजरअंदाज कर दिया।
– यह भी कहा जा रहा है कि चरणजीत सिंह चन्नी को मंत्री पद बांटने में दी गई ज्यादा ताकत दिये जाने से भी सिद्धू नाराज चल रहे हैं। चन्नी ने शक्तिशाली गृह मंत्रालय रंधावा को दिया है।