हरियाणा: कभी 5 लाख तो कभी 75 लाख रुपए का बिल। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के ऐसे बिल अक्सर उपभोक्ताओं को तगड़ा झटका देने के साथ परेशानी भी देते हैं। निगम इस तरह की त्रुटियों को रोकने के लिए सिस्टम को अपडेट कर रहा है। नए सिस्टम में में 2 किलोवॉट श्रेणी के कनेक्शन का बिल 10 हजार रुपए से ऊपर जाते ही सिस्टम में वापस चेक होने के चले जाएंगे। इसके लिए निगम ने एमआईएस (मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम) लागू किया है। साथ ही अधिक राशि के बिल भी प्रोविजनल जारी किए जाएंगे।
बिजली बिलों को लेकर उपभोक्ताओं की निगम से बहुत अधिक शिकायत है। इस परेशानी को देखते हुए निगम ने केंद्र सरकार के रि-स्ट्रक्चर्ड एक्सीलरेटेड पावर डेवलपमेंट एंड रिफार्म प्रोग्राम (आरएपीडीआरपी) के तहत सभी सब डिवीजनों के कार्यालय को ऑनलाइन कर दिया है। इसमें सब डिवीजन स्तर कार्यालय के बिलिंग से संबंधित रिकॉर्ड ऑनलाइन कर दिया हैं। निगम की तरफ से हिसार में बिलिंग सेंटर बनाया गया है। इससे डीएचबीवीएन के तमाम जिलों को जोड़ है। इससे बड़ा फायदा उपभोक्ता को गलत बिल जारी होने की स्थिति में शिकायत मिलने के बाद संबंधित अधिकारी को इसे मैनुअल तौर पर सही नहीं करना पड़ेगा।
2 किलोवाट कनेक्शन पर 960 यूनिट होते ही होगा चेक:
एमआईएस सिस्टम में तकनीकी त्रुटियों को रोकने के लिए चेकिंग सिस्टम को प्रभावी बनाया गया है। इसमें घरेलू श्रेणी के 2 किलोवॉट क्षमता वाले कनेक्शन पर यदि अधिक 960 यूनिट से अधिक का उपभोग का बिल बनता है तो उसे सिस्टम चेकिंग स्टेटस में डाल देगा। यह श्रेणी किलोवॉट के अनुसार अलग-अलग है। वहीं घरेलू श्रेणी में 10 हजार से अधिक राशि का बिल भी प्रोविजनल जारी होगा।
अगला बिल दुरुस्त होकर ही आएगा
निगम ने यह भी व्यवस्था की है कि यदि किसी माह का बिल अधिक आ गया है तो इस सिस्टम अगला बिल दुरुस्त होने पर ही जारी करेगा। इसके लिए तकनीशियनों की टीम को बिलिंग सेंटर में लगाया गया है।
हमारा लक्ष्य बिलिंग से संबंधित त्रुटियां शून्य करने का है। एमआईएस सिस्टम शुरू किया है, जिसमें अधिक बिल होते ही वह चेकिंग के लिए चला जाएगा। -एसके सिंह, एसई, डीएचबीवीएन, हिसार
















