नौकरी के लिए डयूटी जाते समय पकडे गए ट्रेन में तो हुआ खुलासारेवाडी: गांव जाट सायरवास निवासी एक व्यक्ति ने अपने और रिश्तेदार के बेटे को रेलवे की नौकरी दिलाने का झांसा देकर 11 लाख 98 हजार रुपए की ठग लिए। आरोपियों ने पैसे लेने के बाद दोनों को फर्जी ज्वाइनिंग लेटर और आई-कार्ड थमा दिया। श्रीगंगानगर जाते समय टीटीई ने चेकिंग की तो दोनों दस्तावेज फर्जी मिले। इसके बाद पीड़ितों को अपने साथ हुई ठगी का पता चला। फिलहाल पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी है।
पुलिस को दी शिकायत में गांव जाट सायरवास निवासी शिव कुमार ने बताया कि गांव नांगल मूंदी निवासी सुभाष उर्फ कुक्कू उनका रिश्तेदार है। सुभाष ने वर्ष 2018 में उनके बेटे योगेश को रेलवे में नौकरी लगवाने के लिए अपने गांव निवासी सुरेंद्र सिंह से मिलवाया था। सुरेंद्र ने नौकरी लगवाने के लिए 15 लाख रुपए मांगे थे और सुरेंद्र उनसे 3 लाख 50 हजार रुपए अग्रिम तौर पर ले गया। इसके बाद सुरेंद्र ने उन्हें गांव भांडोर निवासी अश्वनी उर्फ सन्नी से मिलवाया।
अश्वनी ने अपना पहचान-पत्र दिखाते हुए बताया कि वह रेलवे विजिलेंस में कार्यरत है और उनके बेटे की नौकरी लगवा देगा। आरोपियों ने उनके बेटे का रेलवे माल गोदाम श्रमिक संघ का आई-कार्ड बनाकर दे दिया और फिर 1 लाख रुपए ले लिया। इसके बाद आरोपियों ने गुड़गांव जिला के गांव खानपुर निवासी उनकी रिश्तेदार आशा के बेटे अमित को भी नौकरी लगवाने के लिए 50 हजार रुपए चेक से लिए। इस प्रकार आरोपियों ने दोनों की नौकरी के लिए उनसे कुल 11 लाख 98 हजार रुपए ले लिए।
फर्जी ज्वाइनिंग लेटर थमाया:
शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपियों ने पूरे पैसे लेने के बाद राव तुलाराम पार्क में बुलाया और दोनों के ज्वाइनिंग लेटर दे दिए। इसके बाद आरोपियों ने उन्हें जिला झज्जर के गांव साल्हावास निवासी विक्रम से मिलवाया। विक्रम ने ज्वाइनिंग लेटर और आई-कार्ड के साथ योगेश एवं अमित को पहले जोधपुर और उसके बाद सादलपुर ले गया। सादलपुर से दोनों ट्रेन से श्रीगंगानगर जा रहे थे।
इस दौरान योगेश को टीटीई ने बगैर टिकट पकड़ लिया जिस पर योगेश ने उन्हें अपना रेलवे का पहचान-पत्र दिखाया। टीटीई ने योगेश को बताया कि यह कार्ड फर्जी है और उनको वह अंदर करा सकता है। इस पीड़ित ने अपने साथ हुए घटनाक्रम की जानकारी दी जिस पर उन्हें छोड़ दिया। तत्पश्चात पीड़ितों ने अपने घर आकर फर्जी ज्वाइनिंग लेटर और आई-कार्ड के बारे में परिजनों को बताया।
शिव कुमार ने शिकायत में कहा कि आरोपी पहले उन्हें रुपए लौटाने का आश्वासन देते रहे लेकिन बाद में अपने मोबाइल बंद कर लिए। जब वह उनके घर गया तो आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी। तत्पश्चात पीड़ित ने अपने साथ हुए पूरे घटनाक्रम की जानकारी एसपी कार्यालय में दी। इस पर सदर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। बता दें कि आरोपियों ने ठगी की रकम अलग-अलग जगहों धारूहेड़ा, रेवाड़ी, बुड़ाना चौक आदि पर बुलाकर लिए।
झूठा दिलासा…देकर फसाएं:
शिकायतकर्ता ने शिकायत में कहा है कि आरोपियों ने कहा था कि यदि आपको ये नौकरी पसंद नहीं है तो आपके पैसे वापस मिल जाएंगे, मगर कोई कानूनी कार्यवाही मत करना। दो-तीन बार उपरोक्त आरोपियों से मिला तो हर बार टाल मटोल करते रहे और उसके बाद फोन को बंद कर लिया।
जब पीड़ित अश्वनी व सुरेन्द्र के घर पर पहुंचा तो वो मौजूद नहीं थे। उनके परिवार वालों ने कहा कि हमें नहीं पता था कि आपके साथ इन्होंने धोखाधड़ी की है। अभी वो घर पर नहीं हैं। हम समाधान करवा देगें। जब पीड़ित लगातार उनके घर गया तो उसके साथ अभद्रता करते हुए धमकियां दी।