Delhi-Haryana: इथियोपिया में हाल ही में हुए हैले गुब्बी ज्वालामुखी विस्फोट का असर विमान परिचालन पर भी पड़ा है। ज्वालामुखी से निकला राख का बादल मिडिल ईस्ट के हिस्सों में फैल गया है, जिससे मुस्कट फ्लाइट इन्फॉर्मेशन रीजन से गुजरने वाले मार्ग प्रभावित हुए हैं। इस वजह से केएलएम रॉयल डच एयरलाइंस ने दिल्ली-अम्स्टर्डम की फ्लाइट रद्द कर दी है। यह ज्वालामुखी विस्फोट 10,000 वर्षों में पहली बार हुआ है और इसने बड़ी मात्रा में राख का बादल उत्पन्न किया, जो पूर्व की ओर बढ़ रहा है। टूलूज़ वोल्कैनिक ऐश एडवाइजरी सेंटर ने भी बताया कि राख का बादल अब उत्तरी भारत की ओर बढ़ रहा है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, यह राख लगभग सुबह 10 बजे भारत पहुंचने की संभावना है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इस संदर्भ में एयरलाइंस को विशेष सलाह जारी की है।
दिल्ली, हरियाणा और आसपास के उत्तर प्रदेश में राख के घने बादल पहुंच रहे हैं, जिससे दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता और खराब होने की संभावना है। अकासा एयर ने 24 और 25 नवंबर को जेद्दा, कुवैत और अबू धाबी के लिए अपनी सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं। इंडिगो एयरलाइंस ने भी कुछ उड़ानों को रद्द किया है। इंडिगो ने यात्रियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि “हैली गुब्बी ज्वालामुखी के हालिया विस्फोट के कारण राख के बादल भारत के कुछ हिस्सों की ओर बढ़ रहे हैं। आपकी सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
DGCA की एडवाइजरी और मार्ग समायोजन
DGCA ने अपनी एडवाइजरी में एयरलाइंस से कहा है कि वे अपने ऑपरेशनल मैनुअल में ज्वालामुखी राख से संबंधित प्रक्रियाओं की समीक्षा करें और कॉकपिट एवं केबिन क्रू को आवश्यक निर्देश दें। एयरलाइंस को सलाह दी गई है कि वे नवीनतम एडवाइजरी के अनुसार उड़ान योजना और मार्ग समायोजित करें। यदि रनवे, टैक्सीवे या एप्रन पर राख का प्रभाव देखा जाता है तो एयरपोर्ट को तुरंत जांच करनी चाहिए और सफाई होने तक परिचालन निलंबित करना चाहिए। इसके अलावा, एयरलाइंस को आंतरिक सुरक्षा जोखिम मूल्यांकन प्रक्रिया को सक्रिय रखने और उपग्रह छवियों, VAAC बुलेटिन और राख के आंदोलन की निगरानी 24 घंटे करनी होगी।
यात्रियों के लिए जानकारी और सावधानियां
एयरलाइंस ने यात्रियों को लगातार स्थिति से अवगत कराया है। स्पाइसजेट ने कहा कि दुबई से आने वाले यात्री अपनी उड़ानों की स्थिति पर नजर रखें। अकासा एयर ने भी कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय उड्डयन सलाह और सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार स्थिति का आकलन जारी रखेगी और आवश्यक कार्रवाई करेगी। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे उड़ान की स्थिति की नियमित जाँच करें और किसी भी बदलाव के लिए तैयार रहें। इस प्रकार, ज्वालामुखी राख के प्रभाव के कारण उड़ान संचालन में रद्दीकरण और मार्ग समायोजन जैसी सावधानियां अपनाई जा रही हैं।

















