AIIMS की जमीन के मुआवजे में देरी: 6 साल से अटका पेंच

रेवाडी: सुनील चौहान। रेवाड़ी में बनने वाले एम्स की तमाम अड़चनें दूर होने के बाद भी किसानों को मुआवजा मिलने में देरी हो रही है। गांव मनेठी-माजरा में प्रस्तावित एम्स को लेकर किसानों और सरकार के बीच मुआवजा से लेकर कमर्शियल साइट सहित सब कुछ फाइनल हो चुका है। मुआवजा राशि पर अटका विवाद भी सुलझ चुका है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर भी किसानों और प्रशासन के बीच हुए समझौते पर सहमति दे चुके हैं, लेकिन किसानों को मुआवजा मिलने में हो रही देरी उन्हें परेशान कर रही है। एम्स संघर्ष समिति ने बैठक करके मुआवजा मिलने और एम्स निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने में हो रही देरी पर न केवल अपनी नाराजगी व्यक्त की, बल्कि मुआवजा देकर एम्स निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने की मांग भी की। जबकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर साफ कर चुके हैं कि एम्स केंद्र सरकार का प्रोजेक्ट है तथा निर्माण प्रक्रिया केंद्र सरकार के स्तर पर होगी। प्रदेश सरकार का काम प्रोजेक्ट के लिए केंद्र को जमीन देना था तथा हमने वह काम कर दिया है।

6 साल से अटका हुआ है पेंच
अहीरवाल इलाके के लिए एम्स प्रोजेक्ट की घोषाणा 2015 में बावल रैली के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर ने की थी। मनेठी में बनने वाले एम्स के लिए 3 साल बाद यानि दिसंबर 2018 तक केंद्र सरकार ने स्वीकृति नहीं दी। इसके लिए स्थानीय लोगों ने लंबा संघर्ष किया और उसके बाद केंद्र सरकार ने 2019 में इसकी स्वीकृति के साथ 1300 करोड़ का बजट अलॉट किया था। लेकिन उसी साल 2019 में वन पर्यावरण सलाहाकर समिति ने मनेठी में एम्स के लिए प्रस्तावित जमीन को वन विभाग की बताते प्रोजेक्ट को बड़ा झटका दिया था।

बाद में मनेठी के साथ लगते गांवों में जमीन तलाशी गई और आखिर में माजरा के पास 250 एकड़ से ज्यादा जमीन तय कर ली गई। 2019 में जमीन खरीदकर एम्स निर्माण पर बनी सहमति के बाद एम्स संघर्ष समिति ने 50 लाख रुपए प्रति एकड़ मुआवजा की शर्त रखकर निर्माण को फिर पटरी से उतार दिया। करीब एक साल चले गतिरोध के बाद 2021 में सरकार ने सीधे किसानों से बात करके मुआवजा विवाद को निपटाया। अब मुआवजे में देरी किसानों को बैठकें करने पर मजबूर कर रही हैं।

एम्स संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल ने प्रधान श्योताज सरपंच के नेतृत्व में डीसी से मुलाकात की है। डीसी को सौंपे ज्ञापन में एम्स के लिए अधिगृहित जमीन का मुआवजा तुरंत देने व जमीन का इंतकाल दर्ज करवाकर एम्स निर्माण प्रक्रिया शुरू करने की मांग की। प्रतिनिधि मंडल में कर्नल राजेंद्र सिंह, आजाद सिंह नांधा, एचडी यादव, कॉमरेड राजेंद्र सिंह एडवोकेट, ओमप्रकाश सेन, राजरानी नंबरदार, मास्टर लक्ष्मण सिंह, बीडी यादव, कंवल सिंह नंबरदार, कप्तान मनफूल सिंह, ईश्वर सिंह सेन, दारा सिंह चौहान, घनश्याम पूर्व सरपंच आदि मौजूद थे।

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