Haryana Lado Laxmi Yojna : हिसार में प्रदेश सरकार की लाडो लक्ष्मी योजना को अपेक्षित सफलता नहीं मिल रही है। यह योजना हर महीने 2100 रुपये की सीधी आर्थिक सहायता प्रदान करती है, लेकिन हिसार जिले में इसका रिस्पॉन्स अब तक कम ही रहा है। यहां कुल 1 लाख 47 हजार 600 महिलाएं इस योजना के लिए पात्र हैं, लेकिन इनमें से केवल करीब 72 हजार महिलाओं ने ही पंजीकरण कराया है, जो कुल संख्या का 50 प्रतिशत से भी कम है।
सरकार इस बात की जांच कर रही है कि आर्थिक रूप से स्वावलंबन बढ़ाने वाली इस योजना के प्रति महिलाएं कम रुचि क्यों दिखा रही हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कई परिवार बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणी से बाहर हो जाने के डर से आवेदन करने से कतराते हैं। इसके अलावा रिहायशी प्रमाण पत्र न होने, अन्य राज्यों से आए परिवारों की अनुपस्थिति और पहले से चल रही पेंशन योजनाओं के आवेदन भी इस प्रक्रिया में रुकावटें पैदा कर रहे हैं।
पिछले छह महीनों में हिसार जिले में बीपीएल राशन कार्डों की संख्या में काफी कमी आई है। जून 2025 में जिले में कुल 3 लाख 64 हजार बीपीएल कार्ड थे, जो नवंबर में घटकर 2 लाख 98 हजार रह गए। इस कमी के कारण कई लोग यह सोच रहे हैं कि यदि लाडो लक्ष्मी योजना में पंजीकरण करा दिया तो उनके आय की जांच के बाद बीपीएल सूची से उनका नाम हट सकता है, इसलिए वे इस योजना से जुड़ने में हिचक रहे हैं।
यह स्थिति इस बात का संकेत है कि लोगों में योजना के प्रति विश्वास और समझ बढ़ाने की जरूरत है। साथ ही आवश्यक दस्तावेजों की उपलब्धता और पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाना भी जरूरी है ताकि अधिक महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकें। लाडो लक्ष्मी योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है, इसलिए जिले में जागरूकता अभियान चलाकर इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना आवश्यक है।
सरकार को चाहिए कि वे इस योजना की प्रक्रिया में आ रही दिक्कतों को दूर करें और बीपीएल कार्ड कटौती के बाद लोगों के मन में उत्पन्न हुई आशंकाओं को भी खत्म करें। तभी हिसार में लाडो लक्ष्मी योजना से ज्यादा से ज्यादा महिलाएं जुड़ पाएंगी और इसका सही मकसद पूरा हो सकेगा।

















