Haryana crime: रेवाड़ी जिले में पॉक्सो एक्ट के एक मामले में फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय ने साक्ष्य न मिलने के आधार पर आरोपी को जमानत दे दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश लोकेश गुप्ता की अदालत ने सुनवाई के दौरान पाया कि अभियोजन पक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों का समर्थन पीड़िता और उसकी मां ने नहीं किया, साथ ही पीड़िता की उम्र को लेकर भी स्पष्ट साक्ष्य पेश नहीं किए जा सके।
मार्च 2025 का मामला: जब एक व्यक्ति ने अपनी 17 वर्षीय बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी। परिवार का आरोप था कि जब वे सुबह काम पर गए और लौटे तो घर का दरवाजा खुला मिला और बेटी गायब थी। एफआईआर में अज्ञात व्यक्ति द्वारा बहला-फुसलाकर ले जाने की बात कही गई थी। अप्रैल 2025 में लड़की को बरामद कर लिया गया, जिसके बाद उसके बयान के आधार पर पॉक्सो एक्ट की धाराएं जोड़ी गईं और एक युवक को गिरफ्तार किया गया।Haryana crime
नही मिले सबूत: बता दे कि सुनवाई के दौरान आरोपी के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि पीड़िता और उसकी मां ने स्पष्ट किया है कि युवक ने कोई गलत कार्य नहीं किया। साथ ही, पीड़िता की उम्र को लेकर कोई पुख्ता जन्म प्रमाण पत्र भी जांच एजेंसी द्वारा कोर्ट में पेश नहीं किया गया। मेडिकल रिपोर्ट में भी उसकी उम्र 17 से 19 वर्ष के बीच पाई गई, जिससे उसे बालिग माना गया।
सूबत के अभाव में हुआ बरी: बता रेवाड़ी कोर्ट ने माना कि मामले की सुनवाई में समय लगेगा और अभियुक्त को हिरासत में रखने से कोई विशेष उद्देश्य पूरा नहीं होगा। इन परिस्थितियों में आरोपी को 50 हजार रुपये के जमानत बांड और एक जमानती प्रस्तुत करने की शर्त पर जमानत प्रदान की गई। कोर्ट के इस फैसले के बाद आरोपी को रिहा कर दिया गया।

















