हरियाणा/ राजस्थान: राजस्थान में बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दामों का असर अब विधानसभा के उप चुनावों पर भी देखने को मिल रहा है। अलवर में डीजल 103 रुपए पार जा चुका है। वहीं पेट्रोल के दाम 114 रुपए प्रति लीटर से अधिक हो चुके हैं, जबकि हरियाणा में डीजल 95.39 और पेट्रोल 103.55 रुपए प्रति लीटर है। ऐसे में चुनाव में खड़े प्रत्याशियों का प्रचार का बजट भी बिगड़ने लग गया है। ऐसे में अलवर में हो रहे पंचायत चुनावों में हरियाणा के पेट्रोल पम्प प्रत्याशियों के लिए खूब मददगार साबित होने लगे हैं। वहीं सरकार को मोटा घाटा होने लगा है। असल में हरियाणा से लगते अलवर के आधे जिले के पंचायत चुनाव वहीं के पेट्रोल पम्पों के भरोसे चल रहे हैं।
भावों में बड़ा अंतर होने के कारण ज्यादातर डीजल व पेट्रोल हरियाणा के पम्प से आता है, जिससे सरकार को टैक्स का मोटा घाटा होने लगा है। हरियाणा व अलवर में पेट्रोल-डीजल के भावों में करीब 10 से 11 रुपए प्रति लीटर का अंतर है।
ये बॉर्डर से लगा हुआ क्षेत्र हरियाणा बॉर्डर से बहरोड़-नीमराना, मुण्डावर, तिजारा एवं किशनबास का क्षेत्र लगता हुआ है। यहां चुनावी प्रचार में लगे हजारों वाहनों का पेट्रोल-डीजल हरियाणा के पम्पों से आ रहा है। इससे वहां के पम्पों की बिक्री दोगुनी हो गई है। वहीं चुनाव होते हुए भी अलवर के पंपों पर बिक्री कम हो गई है। जिससे सरकार को वैट के रूप में मिलने वाले टैक्स का नुकसान होने लगा है। जितना कम पेट्रोल डीजल खपेगा उतना ही सरकार को कम टैक्स मिलेगा।
टैंक फुल, अलग से कैन भरा रहे बहरोड़ के ढिंढोर, ऊंटोली, भगवाड़ी, कन्हावास, मांढण, कुतीना, नंगली-बलाहीर, शाहजहांपुर से सटे हरियाणा के दर्जनों पेट्रोल पंपों से डीजल और पेट्रोल खरीद किया जा रहा है। वाहनों की टंकी फुल कराने के अलावा 50 और 100 लीटर के कैन भी भरकर स्टॉक कर लाते है। चुनाव के साथ-साथ रबी की फसल बीजाई के लिए ट्रैक्टरों में भी डीजल की खपत बढ़ी है। किसान भी हरियाणा से डीजल लाते हैं।
तीन चरण में चुनाव अलवर में तीन चरण में चुनाव हैं। बहरोड़ में 20 अक्टूबर को चुनाव हैं। यहां अब प्रचार प्रसार पूरे परवान पर है। इसके बाद 23 व 26 अक्टूबर को दूसरे व तीसरे चरण के चुनाव होंगे। मतलब 26 अक्टूबर तक जिले भर के वाहन ज्यादातर चुनावों में चल रहे हैं। दोनों प्रमुख पार्टी के प्रत्याशियों के समर्थकों ने भी पूरी ताकत लगा दी है। जिले के कुछ हिस्सों में ही बसपा का मुकाबला है।