रेवाड़ी: सुनील चौहान। रक्षाबंधन पर बहनों को निशुल्क यात्रा की सुविधा दी जा रही है। लेकिन प्रशासन के दावे पहले दिन ही फेल होते नजर आए। रोडवेज ने जहां क्षमता से कम बसों का संचालन किया, वहीं विभिन्न मार्गों पर चलने वाली परमिट बसों ने महिलाओं से किराया वसूला। इस दौरान महिलाओं ने नियमों को हवाला भी दिया, बावजूद इसके वे नहीं माने। वहीं प्रशासन की ओर से परमिट बस संचालकों की मनमर्जी पर रोक लगाने के लिए कोई प्रबंध होते नहीं दिखे।
परिवहन विभाग ने डेढ़ दिन तक महिलाओं के लिए निशुल्क सर्विस देने का निर्णय लिया है। इस वजह से ज्यादातर महिलाओं ने रक्षाबंधन पर अपने मायके जाने के लिए बसों को ही चुना है। इससे बसों में यात्रियों की भीड़ कई गुना बढ़ गई है। अधिकारियों के अनुसार यही आदेश परमिट वाली बसों में भी मान्य होते हैं। इन बसों के संचालक हों या फिर चालक-परिचालक, इनके लिए सरकारी आदेश की कोई मतलब नहीं है। शनिवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। प्राइवेट बस के परिचालकों ने सरकारी आदेश को दांव पर रख महिलाओं से टिकट काटने के नाम पर वसूली शुरू कर दी। जबकि प्राइवेट बसों को जारी परमिट में सीधे शब्दों में लिखा गया है कि जो नियम व सुविधाएं यात्रियों को रोडवेज की बसों में मिलेंगी, वहीं सुविधाएं प्राइवेट बसों में भी दी जाएंगी। आरटीए सचिव द्वारा बसों व बस स्टैंड पर नोटिस चस्पा कर महिलाओं के बसों में फ्री यात्रा करने की बात कही है। लेकिन प्राइवेट बस संचालक किसी की बात मानने के तैयार नहीं हैं। इसके बावजूद भी प्रशासन ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
मुख्य मार्गों पर करीब 70 परमिट बसों का होता है संचालन
जिले में रेवाड़ी से गुरुग्राम, पटौदी, महेंद्रगढ़, झज्जर, कोसली व नारनौल मार्ग सहित अन्य मुख्य मार्गों पर प्रत्येक दिन करीब 70 परमिट की बसों कां संचालन होता है। परमिट देते समय ही परिवहन विभाग की सभी शर्तों को मांगने का अनुबंध भी किया जाता है। लेकिन देखा गया है कि यह महज कागजों तक ही सिमट कर रह जाता है। वहीं दूसरी ओर रोडवेज की ओर से भी दावों के उलट बसों की संख्या कम कर दी जाती है। बसों की कमी के कारण हरियाणा रोडवेज की रक्षाबंधन पर फ्री बस यात्रा बहनों के लिए मुसीबत बन गई। रोडवेज की ओर से महिलाओं के लिए डेढ़ दिन तक सर्विस फ्री कर दी है, लेकिन यात्रियों की भीड़ के मुताबिक बसों की व्यवस्था नहीं की है। रोडवेज महाप्रबंधक ने शुक्रवार को ब्यान जारी 130 बसें चलाने की बात कहीं थी, वहीं 20 बसे रिजर्व रखी गई थीं। लेकिन ज्यादातर रूटों पर रोडवेज की सर्विस बेहद कम रही। इससे उन रूटों पर अपने मायके जाने वाली महिलाओं को आसानी से बसें नहीं मिल सकीं। इसके अलावा लंबे रूटों पर जाने वाली बहनों को भी खचाखच भरी बसों में घंटों का सफर खड़ा होकर तय करना पड़ा रहा है। शनिवार को महेंद्रगढ़, नारनौल, गुरुग्राम, रोहतक व सहित अन्य रूटों पर जाने वाली बसों में अत्यधिक भीड़ होने की वजह से महिलाओं को बसों के लिए घंटों तक बस स्टैंड पर ही इंतजार करना पड़ा।
डीटीओ रेवाड़ी गजेंद्र शर्मा ने बताया कि परमिट वाली बसों में शिकायत को लेकर एक भी केस ऐसा नहीं आया है। यदि कोई शिकायत मिलेगी तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लोगों से भी अपील है कि रक्षाबंधन पर्व पैसे मांगता है तो इसकी शिकायत जरूर करें।
















