बुढापे में सियायी लालच में झूठ का सहारा लेना ठीक नहीं, कहा. मेरे काल में नही हुई चोटाला पर एफआईआर: भूपेंद्र हुडा
हरियाणा: सुनील चौहान। जेबीटी Bharti Ghotale में सजा कर रेवाडी में पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला ने पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर जमकर आरोप लगाए।
प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि वे एक वयोवृद्ध नेता के तौर पर ओपी चौटाला का सम्मान करते हैं। लेकिन, उम्र के इस पड़ाव पर भी महज सियासी लालसा के लिए उन्हें झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए। एक उम्रदराज नेता को तथ्यों के विपरीत अनर्गल बयानबाजी शोभा नहीं देती। हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार की नीतियों के चलते आज प्रदेश का हर वर्ग प्रताड़ित है। बेरोजगारी, अपराध व नशे की समस्या ऐतिहासिक चरम पर है और सूबे का किसान 10 महीने से सड़कों पर है।
ऐसे में सरकार की बजाए प्रतिपक्ष पर निशाना साधना ओपी चौटाला की दिशाहीन राजनीति को दर्शाता है। बीजेपी की विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए चौटाला प्रतिपक्ष पर निशाना साध रहे हैं। क्योंकि, जनता जानती है कि हरियाणा में बीजेपी की जड़ें जमाने का काम ओपी चौटाला की पार्टी ने ही किया है। आज उन्हीं के परिवार की मेहरबानी के चलते प्रदेश में बीजेपी सत्ता पर काबिज है, जिसका खामियाजा प्रदेश का हर वर्ग भुगत रहा है।
कहा- मेरे कार्यकाल में चौटाला पर कोई एफआईआर नहीं हुई
हुड्डा ने कहा कि उनके दोनों कार्यकाल में ओपी चौटाला व उनके परिवार पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई। उन पर जेबीटी भर्ती घोटाले के आरोप उनके अपने करीबी आईएएस अधिकारी ने लगाए थे। चौटाला ने ही उसे डायरेक्टर प्राइमरी एजुकेशन लगाया था, जिसने 2003 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की और जेबीटी सलेक्शन की दो लिस्ट पेश की।
चौटाला को पता होना चाहिए कि उस वक्त वो खुद प्रदेश के सीएम और शिक्षा मंत्री थे। पूरा प्रदेश जानता है कि एक आईएएस ने जुलाई 2000 से पहले जो असली लिस्ट अलमारी के अंदर सील करके रखी थी, वह लिस्ट कैसे बदली, किसने बदली और दूसरी सिलेक्शन लिस्ट उस अलमारी में कैसे पहुंची? ये सारे सवाल चौटाला सरकार के दौरान उठे