रेवाड़ी / अलवर: सुनील चौहान। बावल से सटे राजस्थान के एक गांव में दो मासूम भाई-बहन मोबाइल पर गेम खेलते वक्त करंट की चपेट में आ गए। मोबाइल चार्जिंग पर लगा हुआ था, जिसे लड़के ने अपने हाथ में लिया हुआ था। जबकि उसकी बहन पास में ही खड़ी थी। तभी तारों की अर्थिंग होने से दोनों को करंट लग गया। दोनों के हाथ-पैर झुलसे हैं। उन्हें रेवाड़ी के बावल में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
रेवाड़ी से सटे अलवर जिले के कोटकासिम तहसील के गांव मतलवास में एक मुर्गी फार्म पर नेपाल का रहने वाला रमेश काम करता है। वो वहां परिवार के साथ ही रहता है।मंगलवार को दोपहर करीब एक बजे राकेश की 9 साल की बेटी कांति व 12 साल का बेटा राकेश दोनों मोबाइल को चार्जिंग पर लगाकर गेम खेल रहे थे। चार्जिंग पर लगा मोबाइल राकेश के हाथ में था और कांति साथ खड़ी थी।
इस दौरान अचानक तारों में अर्थिंग हो गई और दोनों भाई-बहन को करंट लगा। करंट लगते ही दोनों चींखने लगे। चिल्लाने की आवाज सुनकर मुर्गी फार्म पर काम करने वाला एक कर्मचारी दोनों को बचाने दौड़ा। उसने तुरंत मोबाइल को चार्जिंग से हटाया और फिर दोनों बच्चों को संभाला। इस बीच बच्चों के पिता रमेश भी वहां पहुंच गए। दोनों बच्चों को तुरंत ही नजदीकी सुषमा देवी अस्पताल में पहुंचाया गया।
दोनों के हाथ-पैर झुलसे
सुषमा देवी अस्पताल के डॉ. वीरेन्द्र यादव ने बताया कि दोनों बच्चों की हालत ठीक हैं। राकेश का एक हाथ ज्यादा और दूसरा हाथ मामूली रूप से झुलसा है, जबकि उसकी बहन भी मामूली रूप से झुलसी है। दोनों के पैर भी झुलसे हैं, हालांकि दोनों खतरे से बाहर हैं, लेकिन गनीमत रही कि बड़ा हादसा टल गया। फोन ब्लास्ट हो जाता तो कोई अनहोनी हो सकती थी।