रेवाडी: सुनील चौहान। पूर्व मंत्री कैप्टेन अजय सिंह यादव के नेतृत्व में रेवाडी विधायक चिरंजीव राव, पूर्व मंत्री एम एल रंगा व कांग्रेसी पदाधिकारियों और समर्थकों ने भाजपा सरकार द्वारा गत 28 अगस्त को करनाल में किसानों पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज, भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन और परिवार पहचान पत्र विधेयक के विरोध में रोष प्रदर्शन कर महामहिम राज्यपाल के नाम एसडीएम रेवाडी को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान कांग्रेसी नेताओं ने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर भढास निकाली।
कैप्टेन अजय सिंह ने कहा कि हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार अपने तानाशाही रवैये के चलते लगातार जनविरोधी निर्णय ले रही है। यह सरकार विपक्षी दलों, किसानों, मजदूरों और आम जनता की आवाज दबाने के लिए हर प्रकार के हथकंडे अपना रही है। भाजपा सरकार ने गत 28 अगस्त को किसानों पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज करवाया, हरियाणा सरकार का अन्नदाताओं के साथ यह व्यवहार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। शांतिप्रिय तरीके से विरोध कर रहे किसानों को जानवरों की तरह दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। दर्जनों लहूलुहान हो गए और सैकड़ों को चोटें आईं।
उन्होंने कहा कि करनाल में ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सार्वजनिक वीडियो से यह साफ है कि मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से किसानों के सिरों पर लाठियां बरसाकर कातिलाना हमला करने का आदेश दिया था। जिस तरह से निहत्थे लोगों पर जलियांवाला बाग में अंग्रेजों ने गोलियां चला दी थी यह घटना भी उससे कम नही है। श्री यादव ने महामहिम राज्यपाल से निहत्थे किसानों पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज करवाने वालों के विरुद्ध उचित कार्यवाही करने की मांग की है ताकि कोई भी दोबारा ऐसा बर्बरतापूर्ण कार्य न करे।
विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन करके भाजपा-जजपा सरकार ने किसानों की बर्बादी का फैसला लिया है। आज किसानों को उनकी फसलों के सही दाम नहीं मिल रहे हैं। किसान कर्ज के तले दबे जा रहे हैं और लगातार आत्महत्या कर रहे हैं लेकिन सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। हरियाणा सरकार ने हरियाणा की विधानसभा में वर्ष 2013 में यूपीए सरकार द्वारा बनाए भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के जरिए किसानों की बर्बादी का फैसला लिया है। यह भाजपा-जजपा सरकार द्वारा अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने की साजिश का एक हिस्सा है। पहले जमीन अधिग्रहण के लिए 70 प्रतिशत किसानों की सहमति जरूरी थी, लेकिन अब जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों से सहमति नहीं ली जाएगी। इससे बडा अत्याचार किसानों के साथ और क्या होगा कि उनकी जमीन बिना उनकी सहमति के छीन ली जाएगी।
वहीं पूर्व मंत्री एम एल रंगा ने कहा कि हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार द्वारा लाये गये परिवार पहचान पत्र विधेयक से लोगों की निजता का हनन होगा। इस योजना के तहत लोगों का सारा डाटा जैसे आधार नंबर, फोन नंबर, बैंक अकाउंट नंबर आदि निजी कंपनी के हाथो में होगा और जिसके चोरी होने की पूरी सम्भावना है। जिस प्रकार केंद्र की भाजपा सरकार पेगासस के माध्यम से देश के उच्च पदासीन अधिकारियों, विपक्षी दल के नेताओं, जजों आदि की जासूसी करके राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड कर चुकी है तो इस बात की कौन गारंटी देगा की परिवार पहचान पत्र के तहत दी गयी जानकारी लीक नहीं होगी। इस विधेयक से हरियाणा के लोगों को न केवल आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है बल्कि निजता के अधिकारों का भी हनन होगा।
अपने दिए गए ज्ञापन में कांग्रेसी नेताओं ने महामहिम राज्यपाल से मांग की है कि विधेयक आपके पास मंजूरी के लिए आए तो आप इन्हें नामंजूर कर दें व जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार को इन विधेयकों को तुरंत प्रभाव से रद्द करने के आदेश जारी करें।
इस मौके पर पार्षद नरेश हजारीवास, पार्षद मोनु राव, अशोक सरंपच मीरपुर, युथ कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष भरत सिंह तोंगड, नरेश शर्मा ब्लाक समिति मेंबर, सुशील पटवारी, रामाअवतार बूढला पूर्व चेयरमैन, विपिन धारूहेडा, जयवीर यादव, चंद्रहास चेयरमैन, सुमेर जैलदार, ईश्वर महलावत, धर्मवीर सरपंच मुंडनवास, लक्की सरपंच बखापुर, जगदीश चेयरमैन, दलबीर पूर्व पार्षद सुलखा, धौली गोलचक्कर, रजनीकांत यादव बूढपुर, सोनू शर्मा, दीपु खडगवास, डा. विपिन शर्मा, संदीप डोहकी, पवन कतोपुर इत्यादि मौजूद रहे।
















