Best24News, Haryana: हरियाणावासियो के लिए खुशखबरी है। करीब 227 किलोमीटर लंबा (Green field corridor) ग्रीन फील्ड कोरिडोर अगले माह शुरू होने की उम्मीद है। इस कोरिडोर से एक ओर सफर काफी आरामदायक होगा, वहीं कई गावों को इस फायदा मिल सकेगा। आठ पैकेज मे यह कोरिडोर बनाया जाएगा तथा दोनो ओर हरियाली ही हरियाली रहेगी।
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सफर के साथ हरियाली युक्त होगा हाईवे: बता दें कि यह नया नेशनल हाईवे 152डी ना केवल बेहतरीन सफर का अनुभव देगा, साथ ही दोनों तरफ बिखरी हरियाली आपके सफर को आसान बना देगी। यह कॉरिडोर नारनौल को अंबाला से जोड़ेगा, वही आने वाले समय में इसका इंटरचेंज दिल्ली कटरा एक्सप्रेस वे और दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे से भी जोड़ा जाएगा। इस वजह से इस क्षेत्र में आने वाले दिनों में आर्थिक गतिविधियां भी तेज होती होती हुई दिखाई देगी, लोगों के जीवन पर भी इसका काफी प्रभाव पड़ेगा।
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ग्रीन फील्ड कोरिडोर मे लगी है 8 कंपनियां
बता दें कि इस प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य को 8 हिस्सों में बाटकर पूरा किया गया है। जिस वजह से कुल 8 राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर की कंपनियां एनएचएआई के तहत कार्य कर रही है। सभी कंपनियों के पास अलग-अलग 20 से 35 किलोमीटर तक का निर्माण कार्य है।
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इन तरह बजाया जा रहा है कोरिडोर
पहला पैकेज इस्माइलाबाद से ढांड
दूसरा पैकेज ढांड से राजौंद
तीसरा पैकेज राजौंद से खेड़ी जींद
चौथा पैकेज खेड़ी जींद से जुलाना जींद
पांचवां जुलाना से खरकड़ा रोहतक
छठा पैकेज खरकड़ा रोहतक से चरखी दादरी
सातवां पैकेज चरखी दादरी से कनीना महेंद्रगढ़
आठवां पैकेज कनीना महेंद्रगढ़ से नारनौल तक .
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चार साल हुई थी घोषणा: इस कोरिडोर की घोषणा सन 2018 में की गई थी, वही इसी से संबंधित 1826 एकड़ जमीन का अधिग्रहण भी किया गया था। जिस पर तकरीबन 529 करोड रुपए खर्च किए गए थे। 14 जुलाई 2020 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसका शिलान्यास किया था। साल 2021 के अंत तक इस कॉरिडोर को बनकर पूरा होना था, परंतु भिवानी जिले के गांव खातीवास क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण का विवाद व कोरोना महामारी की वजह से इसमें देरी हो गई।
दो माह तक ओर लगेगा समय: यह कॉरिडोर जून महीने में चालू हो सकता है। वही उम्मीद है कि इसका कुछ हिस्सा अप्रैल महीने में ही चालू किया जाए। यह अंबाला कोटपुतली कॉरिडोर तीन राज्यों में उद्योग के समान और यात्री यातायात के लिए सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। प्रमुख शहरों में भीड़ को कम करने के उद्देश्य से सरकार ने इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे परियोजना की योजना बनाई। इस एक्सप्रेस वे की वजह से अंबाला और जयपुर के बीच की दूरी और यात्रा का समय भी कम होगा. भिवानी शहर के लोग इस कोरिडोर को महम अथवा खरखड़ी मोड़ से पकड़ आएंगे।
















