Haryana पर्यटन निगम ने 39वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले की तैयारियाँ तेज़ कर दी हैं। यह मेला आगामी 31 जनवरी से 15 फरवरी 2026 तक आयोजित किया जाएगा। शुक्रवार को पंचकूला में हरियाणा पर्यटन निगम की प्रबंध निदेशक और सूरजकुंड मेला प्राधिकरण की मुख्य प्रशासक डॉ. शालिन की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित हुई। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी, गतिविधि प्रमुख और आयोजन समिति के सदस्य शामिल हुए। बैठक में मेले की रूपरेखा, तैयारियों की प्रगति, बुनियादी ढांचे में सुधार, सांस्कृतिक कार्यक्रमों की योजना और कलाकारों व शिल्पकारों की भागीदारी पर विस्तार से चर्चा की गई।
अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन की तैयारी पर जोर
बैठक के दौरान डॉ. शालिन ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपनी-अपनी जिम्मेदारियों के अनुसार तैयारियों को तेज़ी से पूरा करें ताकि वर्ष 2026 का सूरजकुंड मेला और अधिक आकर्षक, सुव्यवस्थित और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप आयोजित किया जा सके। उन्होंने कहा कि सूरजकुंड मेला न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश की सांस्कृतिक धरोहर, लोककला और हस्तशिल्प परंपराओं का प्रतीक है। इसलिए इसकी तैयारियों में किसी प्रकार की कमी नहीं छोड़ी जानी चाहिए। इस बार भी देश के विभिन्न राज्यों के कलाकारों और शिल्पकारों के साथ-साथ कई विदेशी देशों के प्रतिनिधि भी इस मेले में भाग लेंगे, जिससे यह मेला सांस्कृतिक आदान-प्रदान और वैश्विक मैत्री का एक सशक्त मंच बनेगा।
पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएँ होंगी उपलब्ध
पर्यटकों और दर्शकों की सुविधा के लिए इस बार मेले में पार्किंग, पेयजल, स्वच्छता, सुरक्षा, ट्रैफिक प्रबंधन और डिजिटल भुगतान प्रणाली जैसी सुविधाओं को और सुदृढ़ किया जाएगा। हरियाणा पर्यटन विभाग का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में सूरजकुंड मेला न केवल देश के पर्यटन मानचित्र पर बल्कि विश्व के सांस्कृतिक आयोजनों की सूची में शीर्ष स्थान हासिल करे। इस बार भी लाखों देशी-विदेशी पर्यटकों को थीम राज्य की झलक, लोकनृत्य, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, व्यंजन मेले, हस्तशिल्प बाज़ार और लाइव परफॉर्मेंस जैसी आकर्षक गतिविधियाँ देखने को मिलेंगी। डॉ. शालिन ने बताया कि मेले में भाग लेने वाले शिल्पकारों के लिए स्टॉल आवंटन प्रक्रिया आगामी 1 दिसंबर 2025 से शुरू होगी और संबंधित विभागों को आवश्यक दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं।
थीम राज्य पर निर्णय जल्द होगा घोषित
पिछले वर्ष मेले में दो थीम राज्य — ओडिशा और मध्य प्रदेश — को शामिल किया गया था, जबकि ब्रिक्स देशों को देश भागीदार के रूप में जोड़ा गया था। इस बार यह विचार किया जा रहा है कि मेले में एक थीम राज्य होगा या दो, इस पर अंतिम निर्णय जल्द ही घोषित किया जाएगा। हरियाणा पर्यटन निगम का मानना है कि थीम राज्य की विशेष झलक दर्शकों के लिए मेले की प्रमुख आकर्षण रहती है, जिससे लोगों को विभिन्न प्रदेशों की संस्कृति, परंपरा और कला के बारे में जानने का अवसर मिलता है। सूरजकुंड मेला हमेशा से कलाकारों, शिल्पकारों और दर्शकों के लिए एक अद्वितीय मंच रहा है, जो हरियाणा की मिट्टी की सुगंध और भारत की विविध सांस्कृतिक धारा को एक साथ प्रस्तुत करता है।

















