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Haryana: गेहूं के बीज की किल्लत से परेशान किसान, चार दिनों से नहीं मिल रहा बीज

On: November 2, 2025 6:53 PM
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Haryana: गेहूं के बीज की किल्लत से परेशान किसान, चार दिनों से नहीं मिल रहा बीजHaryana: गेहूं के बीज की किल्लत से परेशान किसान, चार दिनों से नहीं मिल रहा बीज

Haryana बीज विकास निगम के विक्रय केंद्र पर पिछले चार दिनों से गेहूं का बीज न मिलने से किसान भारी परेशानी झेल रहे हैं। किसान कई बार केंद्र के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन हर बार उन्हें यही जवाब मिलता है — “बीज अभी नहीं आया।” सबसे बड़ी विडंबना यह है कि जब निगम की प्रसंस्करण इकाई पटौदी में ही स्थित है, तो किसानों को बीज के लिए दर-दर भटकना क्यों पड़ रहा है? यह स्थिति उस समय और गंभीर हो जाती है जब किसान बुवाई के सीजन में समय पर बीज न मिलने के कारण अपनी फसल की योजना तक नहीं बना पा रहे हैं।

निजी दुकानों से महंगे दाम पर बीज खरीदने को मजबूर किसान

इस समय गेहूं की बुवाई जोरों पर है, लेकिन बीज की अनुपलब्धता के कारण किसान निजी दुकानों से बीज खरीदने को मजबूर हो गए हैं। सरकारी दर ₹1,200 प्रति क्विंटल की तुलना में, यही बीज निजी विक्रेताओं के पास ₹1,400 प्रति क्विंटल से भी अधिक कीमत पर बिक रहा है। इससे किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। कई किसान यह भी कह रहे हैं कि सरकारी बीज पर उनका भरोसा अधिक होता है, क्योंकि उसकी गुणवत्ता जांची हुई होती है, जबकि निजी बीज पर उन्हें जोखिम उठाना पड़ रहा है। किसान संगठन इसे कृषि तंत्र की लापरवाही और प्रबंधन की नाकामी बता रहे हैं।

निगम प्रबंधन ने दी सफाई, नई खेप आने का इंतजार

हरियाणा बीज विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक डॉ. महाबीर सिंह लखेरा ने बताया कि पटौदी शाखा में उपलब्ध तैयार और परीक्षण किया गया सारा बीज पहले ही बिक चुका है। नई खेप को करनाल लैब में परीक्षण के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट आने के बाद ही बिक्री पुनः शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि बीज की कमी की सूचना उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है और हिसार व टोहाना इकाइयों से नया स्टॉक जल्द भेजे जाने का आश्वासन मिला है। हालांकि, किसानों को यह स्पष्ट नहीं बताया गया कि नया बीज कब तक उपलब्ध होगा, जिससे असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

कर्मचारी संघ ने अधिकारियों की नीतियों को बताया जिम्मेदार

इस पूरे मामले पर हरियाणा बीज विकास निगम कर्मचारी संघ, पटौदी शाखा के अध्यक्ष ने निगम प्रबंधन की गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि पैकेजिंग सामग्री मार्च तक भेजी जानी चाहिए थी, लेकिन इसे अगस्त-सितंबर में भेजा गया, जिससे बीज की तैयारी और वितरण में देरी हुई। इसके अलावा, हिसार और टोहाना से बीज लाने के लिए परिवहन अनुबंध अभी तक जारी नहीं हुआ, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। संघ का कहना है कि उन्होंने अधिकारियों को कई बार चेताया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। फिलहाल निगम ने अपने बिक्री केंद्र पर “बीज स्टॉक समाप्त” का नोटिस चस्पा कर दिया है। ऐसे में, किसानों को बीज मिलने के लिए कुछ और दिनों तक इंतजार करना पड़ सकता है।

P Chauhan

हमारा मकसद देश की ताजा खबरों को जनता तक पहुंचाना है। मै पिछले 5 साल में पत्रकारिता में कार्यरत हूं। मेरे द्वारा राजनीति, क्राइम व मंनोरजन की खबरे अपडेट की जाती है।

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