Delhi News: दिल्ली विधानसभा ने तकनीकी प्रगति और पारदर्शिता की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मात्र 100 दिनों में नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन (National e-Vidhan Application – NeVA) को सफलतापूर्वक लागू कर दिया है। यह उपलब्धि दिल्ली को देश की अग्रणी विधानसभाओं की श्रेणी में ले आई है। इस उपलब्धि की सराहना केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद भवन में आयोजित तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन में की, जो संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया था। रिजिजू ने कहा कि दिल्ली विधानसभा ने डिजिटल विधान प्रक्रिया की दिशा में एक नया मानक स्थापित किया है, जिससे अन्य राज्यों को भी प्रेरणा मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि दिल्ली विधानसभा भले ही इस परियोजना के तहत समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने वाला 28वां राज्य था, लेकिन इसकी कार्यान्वयन गति ने सबको चौंका दिया। सिर्फ 100 दिनों में इस परियोजना को लागू कर, दिल्ली ने न केवल उत्कृष्ट प्रशासनिक क्षमता का प्रदर्शन किया, बल्कि देश की 18वीं ‘गो-लाइव’ विधानसभा बनने का गौरव भी प्राप्त किया। इसका अर्थ है कि अब दिल्ली विधानसभा में सभी कार्यवाही — प्रश्नोत्तर, विधेयक, अधिनियम और रिपोर्ट — पूरी तरह पेपरलेस (paperless) हो गई है। दिल्ली विधानसभा का पहला पूर्ण डिजिटल सत्र 4 अगस्त 2025 को आयोजित किया गया, जो ‘ई-विधान युग’ की शुरुआत साबित हुआ।
NeVA: पारदर्शिता, दक्षता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम
नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन (NeVA) परियोजना का उद्देश्य देश की सभी विधानसभाओं को एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना है। इससे न केवल विधायी कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी, बल्कि कागज़ के उपयोग में भारी कमी आने से पर्यावरण संरक्षण में भी सहायता मिलेगी। अब विधायक, अधिकारी और कर्मचारी सभी प्रस्तावों, दस्तावेजों और कार्यसूचियों को डिजिटल रूप में देख सकेंगे। इससे विधानसभा की कार्यवाही अधिक तेज़, सटीक और पारदर्शी होगी। दिल्ली विधानसभा का यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “डिजिटल इंडिया” और “पेपरलेस गवर्नेंस” के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक ठोस उदाहरण माना जा रहा है।
इस अवसर पर दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजयेंद्र गुप्ता ने केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू से अनुरोध किया कि मंत्रालय नेशनल लेजिस्लेटिव इंडेक्स (National Legislative Index) तैयार करने में सहयोग करे। यह सूचकांक एक डेटा-आधारित पारदर्शी प्रणाली होगा, जो विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं के कार्यों का मूल्यांकन करेगा। गुप्ता ने कहा कि इस सूचकांक के माध्यम से राज्यों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा, जवाबदेही और सुशासन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली विधानसभा का लक्ष्य केवल तकनीकी आधुनिकीकरण नहीं, बल्कि शासन में पारदर्शिता और जनसेवा की गुणवत्ता में सुधार लाना है।
इस प्रकार, दिल्ली विधानसभा का NeVA को रिकॉर्ड समय में लागू करना न केवल प्रशासनिक दक्षता का उदाहरण है, बल्कि यह दिखाता है कि राज्य सरकारें भी डिजिटल परिवर्तन की दिशा में राष्ट्रीय एजेंडे को मजबूती से आगे बढ़ा रही हैं।

















