थैलेसिमिया बीमारी को लेकर रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़ व नारनौल में रोटरी क्लब ऑफ रेवाड़ी मेन चलाएगा अभियान

रोटरी क्लब ऑफ रेवाड़ी मेन का थैलेसिमिया पर वैबीनार आयोजित
रेवाड़ी, 8 अगस्त ( सुनील चौहान): रोटरी क्लब रेवाड़ी मेन की तरफ से थैलेसिमिया बीमारी पर वैबीनार का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यवक्ता के तौर पर रोटरी ब्लड़ बैंक की थैलेसिमिया कमेटी की चेयरपर्सन डा. तेजिन्द्र सिंह ने शिरकत की। उन्होंने इस बीमारी से संबंधित सभी शंकाओं का निवारण किया। और रोटरी ब्लड़ बैंक दिल्ली की तरफ से हर सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने विवाह से पहले वर-वधू को थैलेसिमिया टेस्ट करवाने की अपील की। क्लब की सचिव ज्योति अदलखा ने मुख्यवक्ता का स्वागत करते हुए कहा कि सामाजिक जिम्मेवारियों का निर्वाण करने में रोटरी क्लब ऑफ रेवाड़ी मेन अपनी पूरी भूमिका निभाएंगा और इस तरह के वैबिनार भविष्य में भी आयोजित किये जाएंगे।
कार्यक्रम के संयोजक तथा रोटरी ब्लड़ बैंक दिल्ली से जुड़े डा. नवीन अदलखा ने बताया कि थैलेसिमिया एक वंशानुगत बीमारी है। जो माता-पिता से बच्चों में आती है। इस बीमारी से रक्त में हिमोग्लोबीन की कमी हो जाती है, जो एनेमिया तथा थकान का कारण बनती है। इस बीमारी में शरीर में लाल रक्त कर्ण नहीं बन पाते हैं और जो बनते है वे कुछ समय तक ही रहते हैं। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को बार-बार खून चढ़ाना पड़ता है। यह रोग अनुवांसिक होने के कारण पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है। इस रोग के कारण मरीज की छाती में दर्द होना, धड़कन का सही ढंग से नहीं चलना, हाथ-पैर का ठंडा होना, वजन ना बढ़ना, सांस लेने में तकलीफ जैसे विकार हो जाते हैं। क्लब की प्रथम महिला रूचि चौहान ने वैबिनार से प्रेरित होकर सरकारी स्कूलों में इसके बारे में जागरूक करने का वचन लिया। क्लब के प्रधान जेपी चौहान ने बताया कि रोटरी ब्लड़ बैंक इस बीमारी से पीड़ित 125 बच्चों को नि:शुल्क ब्लड़ मुहैया करवाता है। जिसमें एक बच्चे का खर्च 15 हजार रुपये वार्षिक आता है। रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़ व नारनौल जो बच्चे इस बीमारी से पीड़ित हैं, वो क्लब से 9466781930, 8130933744 पर संपर्क कर सकते हैं। विद्ति हो कि इस बीमारी से भारत में हर साल 10 हजार बच्चे पैदा होते हैं, जो कि पूरे संसार के मरीजों का 10 प्रतिशत है। इस अवसर पर ज्योति गुप्ता, नरेन्द्र गुगनानी, दलीप, महेश व अन्य लोगों ने शिरकत की। क्लब की सदस्या नेहा शर्मा ने मुख्यवक्ता का धन्यवाद किया और भविष्य में अधिक से अधिक लोगों को थैलेसिमिया के बारे में जागरूक करने का आश्वासन दि