Haryana News: अस्पताल में धूल फांक रही नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट एंबुलेंस बस

TROUMA REWARI

हरियाणा: नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट चलाने का स्वास्थ्य विभाग मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उनके घर तक पहुंचाना है। ताकि कोई व्यक्ति इलाज से वंचित न रहे। इसी उद्देश्य से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा नेशनल हेल्थ मिशन के तहत जिले में एक मोबाइल मेडिकल यूनिट एंबुलेंस बस शुरू की गई थी।Haryana crime: राजस्थान का कुख्यात बदमाश हत्या की वारदात करने से पहले धारूहेडा में दबोचा

बता दे कि घर के समीप स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जिला को मेडिकल यूनिट एंबुलेंस बस दी गई थी, लेकिन यहां के लोग इसका लाभ उठाने से वंचित हैं।

अधिकारियों की अनदेखी के कारण लोगों की जिंदगी बचाने वाली नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट एंबुलेंस बस इन दिनों रेवाडी अस्पताल में धूल फांक रही है।

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस: यह एंबुलेंस अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। इसमें ब्लड व यूरिन सहित विभिन्न जांच से लेकर वेंटिलेटर तक की सुविधाएं हैं। मोबाइल मेडिकल यूनिट में एक डॉक्टर, दो स्टाफ नर्स, एक फार्मासिस्ट व एक लैब टेक्नीशियन की तैनाती की जाती है। यह स्टाफ मरीजों के स्वास्थ्य की जांच कर टेस्टिंग आदि से बीमारी का पता लगा उसे जरुरत के अनुसार अत्याधुनिक उपचार सुविधा, टीकाकरण व दवाइयां आदि उपलब्ध करवाता है।

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नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट चलाने का स्वास्थ्य विभाग मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उनके घर तक पहुंचाना है। ताकि कोई व्यक्ति इलाज से वंचित न रहे। इसी उद्देश्य से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा नेशनल हेल्थ मिशन के तहत जिले में एक मोबाइल मेडिकल यूनिट एंबुलेंस बस शुरू की गई थी।

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इसके माध्यम से स्लम एरिया के लोगों, ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिक या बेघर प्रवासियों को चिकित्सीय एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिलाया जा सके। यह यूनिट जरूरतमंद लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के साथ-साथ उन्हें मुफ्त में दवा भी उपलब्ध कराती है।
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बावल में पांच माह से नहीं रेडियोलॉजिस्ट
औद्योगिक क्षेत्र बावल में करीब दो लाख से अधिक की आबादी है। हाईवे नंबर 48 भी इसी शहर से होकर गुजर रहा है। आएदिन यहां हादसें होते रहते हैं, लेकिन यहां के एकमात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में करीब पांच से रेडियोलॉजिस्ट ही नहीं है, जबकि एक्सरे मशीन भी। ऐसे में लोगों को एक्स रे कराने के लिए प्राइवेट अस्पतालों में जाना पड़ता है या फिर करीब 15 किलोमीटर दूर रेवाड़ी जाना पड़ता है।
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कोसली में महिला चिकित्सक नहीं: करीब 30 किलोमीटर दूर कोसली के नागरिक अस्पताल में लंबे समय से महिला चिकित्सक यानि गाइनो का अभाव है। 100 से अधिक गांवों के ग्रामीण यहां इलाज कराने के लिए आते हैं, लेकिन महिला चिकित्सक के अभाव में प्राइवेट चिकित्सकों के हाथों लुटना पड़ रहा है, जबकि स्थानीय लोगों की ओर से संबंधित अधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है।

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जानिए क्या कहते है अधिकारी: नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट कोरोना काल के समय चलाई गई थी। अभी निदेशालय से चलाने के आदेश नहीं मिले हैं। आदेश मिलेंगे तो इसे भी उपयोग में लिया जाएगा।
-डॉ. जयभगवान जाटान, सिविल सर्जन, रेवाड़ी

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