Haryana: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय गीता सेमिनार के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को आतंकवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा और गीता के जीवन-आधारित संदेशों पर स्पष्ट और सख्त बयान दिए। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पहलगाम में पर्यटन के लिए गए निर्दोष यात्रियों को धर्म पूछकर मारा गया था और यह घटना आज भी सभी को झकझोर देती है। राजनाथ सिंह के अनुसार, उस समय आतंकियों ने न केवल भारत की शांतिप्रिय छवि को चुनौती दी, बल्कि यह भ्रम भी पाल लिया कि भारत की शालीनता उसकी कमजोरी है। उन्होंने कहा कि इसी सोच का जवाब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से दृढ़ता से दिया।
भारत गीता का देश है: रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकी भूल गए कि भारत गीता का देश है, जहां करूणा भी है और धर्म की रक्षा के लिए युद्ध करने का संदेश भी निहित है। उन्होंने कहा कि शांति का ताप बनाए रखने के लिए शक्ति का ताप भी आवश्यक है और निर्दोषों की रक्षा के लिए बलिदान का साहस भी उतना ही जरूरी है। राजनाथ सिंह ने भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों का उल्लेख करते हुए कहा कि पांडवों को भी युद्ध के लिए इसलिए प्रेरित किया गया था क्योंकि यह बदले की भावना का नहीं, बल्कि धर्म की स्थापना का युद्ध था। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने कृष्ण के इसी संदेश का पालन किया।Haryana

विचारों की शुद्धता भक्ति और योग से आती है: रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि आज दुनिया जिस विचार को बढ़ावा देती है, श्रीकृष्ण ने हजारों वर्ष पहले ही बता दिया था कि मनुष्य का व्यवहार उसके विचारों से बनता है और विचारों की शुद्धता भक्ति और योग से आती है। गीता का सबसे बड़ा योगदान कर्तव्य-बोध है, जो विपरीत परिस्थितियों में भी उत्साह और आशा प्रदान करता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि गीता न केवल आत्मचिंतन का मार्ग दिखाती है, बल्कि मन की उलझनों को सुलझाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
गीता देकर किया स्वागत: गीता ज्ञान संस्थानम्, कुरुक्षेत्र में केंद्रीय रक्षा मंत्री माननीय राजनाथ सिंह जी एवं मुख्यमंत्री माननीय नायब सैनी जी का पावन धरा श्री श्री कृपा बिहारी मंदिर में सहज व मंगलमय आगमन हुआ। दोनों ही विशिष्ट अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन गीता मनीषी श्रद्धेय श्री ज्ञानानंद महाराज जी द्वारा अत्यंत सौहार्दपूर्ण व आध्यात्मिक वातावरण में किया।
इस अवसर पर माननीय अतिथियों ने संस्थान में संचालित गीता-सम्बंधित सेवाओं, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक गतिविधियों की सराहना की तथा भारतीय ज्ञान-परंपरा के संवर्धन हेतु अपने शुभाश्लेष व प्रेरणादायी विचार साझा किए।Haryana

















