- जेल विभाग और हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के बीच महत्वपूर्ण समझौता
- वोकेशनल ट्रेनिंग लेने वाले कैदियों को मिलेगा HKRN पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन
- गुरुग्राम, अंबाला, करनाल, पानीपत और फरीदाबाद की जेलों में ITI कोर्स शुरू
Haryana News:अक्सर सुना था कि तो एक बार जेल में पहुंच जाता है वह दोबारा बार आकर फिर से आंतक की दुनिया में बस जाता है यानि वह दोबारा से बदमाश ही बन जाता है। लेकिन हरियाणा ये सब बदने वाला है।हरियाणा जेल विभाग ने कैदियों के पुनर्वास और उन्हें समाज की मुख्यधारा में वापस लाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।Haryana News
विभाग ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के साथ एक महत्वपूर्ण एमओयू साइन किया है, जिसके तहत जेलों में वोकेशनल ट्रेनिंग प्राप्त करने वाले कैदियों को अब एचकेआरएन पोर्टल पर रजिस्टर किया जाएगा। यह रजिस्ट्रेशन उन्हें जेल से रिहा होने के बाद रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाएगा।
इन जिलों में शुरू होगी ये सुविधा: जेल विभाग के महानिदेशक आलोक राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि हरियाणा की पांच मुख्य जेलों—गुरुग्राम, अंबाला, करनाल, पानीपत और फरीदाबाद—में वोकेशनल ट्रेनिंग के साथ-साथ आईटीआई कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। इन कोर्सों के लिए सभी आवश्यक उपकरण जेलों में पहुंचा दिए गए हैं और ट्रेनिंग का कार्य पहले ही शुरू हो चुका है। एमओयू पर जेल विभाग के चीफ प्रोबेशन ऑफिसर विशाल सिंह और HKRN की जीएम अंबिका पटियाल ने हस्ताक्षर किए।
इस दिन होगा शुभांरभ: बता दे हरियाणा की जेलो में शुरू होने वाले इन कोर्सों का औपचारिक शुभारंभ 6 दिसंबर को (Gurugram) गुरुग्राम में सुप्रीम कोर्ट के एक जस्टिस द्वारा किया जाएगा। महानिदेशक आलोक राय ने बताया कि हर साल लगभग 50 हजार लोग जेल में आते और जाते हैं। अब विभाग का उद्देश्य है कि हर कैदी को रिहाई से पहले किसी न किसी कौशल की ट्रेनिंग दी जाए, ताकि वह बाहर निकलकर नौकरी या स्वरोजगार शुरू कर सके। विभाग यह भी मॉनिटर करेगा कि रिहा होने के बाद कितने लोगों ने रोजगार प्राप्त किया या अपना काम शुरू किया।
अच्छी पहल बताया: बता दे कि यह पहल बहुत ही अच्छी साबित होगी। क्योकि यह भी बताया कि हरियाणा (Haryana News) की जेलों में कैदियों द्वारा बनाए गए आर्ट एंड क्राफ्ट उत्पादों की स्टॉल सूरजकुंड मेले में लगाई गई थी, जहां करीब 2 करोड़ रुपये की बिक्री हुई। अब गीता जयंती महोत्सव सहित कई आयोजनों में जेल विभाग को निशुल्क स्टॉल मिल रहे हैं, जिससे कैदियों के हुनर को और बढ़ावा मिलेगा। ऐस में इनके कामों को ओर बढावा मिल रहा है।

















