Gurugram Lok Sabha. Best 24 News: तीन बाद विधानसभा तथा 6 बार लोकसभा के चुनाव जीत चुके राव इंद्रजीत सिंह पर एक बार फिर से बीजेपी ने भरोसा जताया है। स्वतंत्रता सेनानी राव तुलाराम का वंशज, इमेज, व्यक्तिगत जनाधार व अहीरवाल पर पकड के चलते एक बार फिर बीजेपी साइबर सीटी यानि गुरूग्राम लोकसभा ने उतार दिया है।
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मोदी ने कर दिया था इशारा: अभी हाल में एक्स के शिलान्यास पर पीएए मोदी ने इशारा कर दिया था वो बोलते कम है लेकिन जिसके पीछे पड जाए उसके झोडते नहीं है। मोदी ने उसकी पीठ थपथपाते हुए काफी उदाहरण पेश किए थे। उसी समय से 100 फीसदी लोगो ने मान लिया था राव की टिकट पर कोई आंच नही है।
10 बार लडे चुनाव महज एक बार मिली थी हार Gurugram Lok Sabha
पिछले चुनाव में इंद्रजीत ने उस रिकार्ड को तोड़ दिया था। राव इंद्रजीत सिंह ने अब तक विधानसभा के 4 और लोकसभा के 6 चुनाव सहित कुल 10 चुनाव लड़े। जिसमें 9 में वह विजेता रहे। इंद्रजीत को केवल एक बार हार मिली। गुरुग्राम लोकसभा सीट पर राव इंद्रजीत के पिता का तीन बार सांसद रहने का रेकॉर्ड था।
निष्पक्ष बात रखने व प्रशासन पर मजबूत पकड Gurugram Lok Sabha
रेवाड़ी में एम्स और गुरुग्राम में जीएमडी के गठन में उनकी अहम भूमिका रही है। उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग में कांस्य पदक जीता था। सबसे अहम बात यह वे कभी दूसरे नेताओ की तहर टूची हरकते नही करते । निष्पक्ष बात रखने व प्रशासन पर मजबूत पकड के चलते उनके सामने हर आदमी की बोलनी हिम्मतन नही है।
दूसरी लिस्ट में उनका नाम शामिल होने से गुरुग्राम सीट से लोकसभा के टिकट के लिए उनकी हैट्रिक लग गई है। गुरुग्राम सीट से वह लगातार दो बार चुनाव जीतकर लोकसभा तक पहुंचे हैं। इससे पहले भी वह दो बार महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर सांसद रह चुके हैं। Political News
गुरुग्राम लोकसभा सीट की नौ विधानसभा सीटों पर हिंदू वोटर्स के अलावा अहीरवाल होने की वजह से उनकी पकड़ मजबूत है। उनके पिता विरेंद्र सिंह भी प्रदेश के सीएम रह चुके हैं।
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राव इंद्रजीत सिंह को कारगिल युद्ध के दौरान शहीद की पत्नी सुधा यादव ने सहानुभूति और मोदी लहर के चलते एक बार मात दी थी। हालांकि इस बार बताया जा रहा था कि सुधा यहां से टिकट ले सकती है, लेकिन आखिर एक बार फिर यानि 11 वीं बार में अहीरवाल में इतिहास दोहराने वाले है।
इस बार बेटी भी उतरेगी मैदान में: केंद्रीय मंत्री बेटी आरती रात राजनीति में काफी सक्रिय है। वह इस बार विधानसभा के चुनाव लडेगी। हालांकि कहां से टिकट मिले इसके बार मे अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। हालांकि वंशवाद को तोडने के लिए भाजपा हर संभव प्रयास करती है।
लेकिन राव इद्रंजीत में तुलाराम वंशज के साथ कुछ ऐसी खुबिया जिनके चलते उनकी बात का हाई कमान नकारने से पहले काफी सोचने का मजबूर कर देता है। पिछली बार रेवाडी विधानसभा से राव के इशारे पर सुनील मुसेपुर को टिकट मिली थी। हालांकि भाजपा में आपसी फूट का खामियाजा सुनील को भुगतना पडा था।