Nag Panchami: सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचम तिथि को नागपंचमी के रूप में मनाया जाता है। शुक्रवार को नागपंचमी है। नागपंचमी शुक्रवार सुबह आठ बजे से शुरू होकर शनिवार सुबह छह बजे तक रहेगी। विशेष Puja के लिए दोपहर में 47 मिनट का मुहूर्त शुभ है।
धर्म शास्त्रों में नाग देवता को मां लक्ष्मी का अनुचर माना गया हैं। नाग पंचमी के दिन घर के मुख्य द्वार पर गोबर से नाग देवता की आकृति बनाने से मां लक्ष्मी घर में वास करती हैं और सुख समृद्धि आती है। Nag Panchami
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि भविष्य पुराण के ब्रह्मा पर्व में Nag Panchami की कथा वर्णित है। इसके अनुसार सुमंतु मुनि ने राजा शतानीक को नागपंचमी की कथा के बारे में बताया था। Nag Panchami
Nag Panchami आज, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त
मान्यता अनुसार घर के मेनगेट पर नाग देवता की आकृति बनाने से काल सर्प दोष का प्रभाव कम होता हैै सर्प दंश का भय नहीं रहता. नाग घर में प्रवेश नहीं करते हैं। परिवार वालों की नागों से सुरक्षा होती है
स्कंद पुराण में भी नाग पंचमी के व्रत की कथा वर्णित है। इसमें ब्रह्मा ने बताया कि चतुर्थी तिथि को एक बार भोजन करें और पंचमी को नक्त भोजन करें। स्वर्ण, चांदी, काष्ठ अथवा मिट्टी का पांच फनों वाला सुंदर नाग बनाकर पंचमी के दिन उस नाग की भक्तिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। सनातन धर्म में नाग पंचमी के जरिये नागों के रक्षण का व्रत लिया जाता है। इससे पर्यावरण संतुलित रहता है।
जानिए शुभ मुहूर्त
ज्योतिष के अनुसार, नाग पंचमी तिथि की शुरुआत FRIDAY सुबह आठ बजकर 15 मिनट पर होगी, जो अगले दिन यानी 10 अगस्त की सुबह छह बजकर नौ मिनट पर समाप्त हो जाएगी। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त दिनभर रहेगा।
POOJA के लिए नौ अगस्त की दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से एक बजे तक का समय शुभ रहेगा। इसके अलावा नौ अगस्त को प्रदोष काल में शाम छह बजकर 33 मिनट से लेकर रात आठ बजकर 20 मिनट तक नाग देवता की पूजा कर सकते हैं।