राव इंद्रजीत ने ही सामान्य खिलाड़ियों की तरह पैरालिंपिक खिलाड़ियों को सम्मान देने की की थी मांग
हरियाणा /दिल्ली: सुनील चौहान: टोक्यो पैरालिंपिक मैं भारतीय खिलाड़ियों की उपलब्धि युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत साबित होगी। पैरालंपिक खिलाड़ी सामान्य खिलाड़ियों से पदक जीतने में कहीं आगे निकल गए हैं और उन्होंने साबित कर दिया है कि वे किसी से कम नहीं है। यह विचार केंद्रीय मंत्री व राष्ट्रीय पैरालिंपिक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष राव इंद्रजीत सिंह ने प्रेस के माध्यम से व्यक्त किए हैं।
ने कहा कि टोक्यो पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके दिखा दिया है कि बेशक शारीरिक रूप से अक्षम हो लेकिन मनोबल में वे सामान्य लोगों से भी ऊपर है। भारतीय पैरालिंपिक टीम अब तक 17 पदक अपने खाते में जमा कर चुकी है और भी पदक टीम के खाते में आने वाले दिनों में आएंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे राष्ट्रीय पैरालिंपिक कमेटी के अध्यक्ष थे तो उनके सामने आया कि प्रदेश सरकार की ओर से ओलंपिक में जीत कर आने वाले सामान्य खिलाड़ी व पैरालिंपिक में जीत कर आने वाले खिलाड़ी की पुरस्कारों की राशि में असमानता थी , वही उन्हें नौकरी देने व अन्य सुविधाओं में भी असमानता का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने पैराललिंपिक खिलाड़ियों के साथ हो रहे इस भेदभाव को प्रदेश सरकार के सामने व राष्ट्रीय स्तर पर उठाया था। प्रदेश सरकार ने तुरंत उनके इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया वही राष्ट्रीय स्तर पर भी पैरालिंपिक खिलाड़ियों को प्यार और सम्मान मिलने लगा।
पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि शारीरिक रूप से बेशक पैरालंपिक खिलाड़ी सामान्य खिलाड़ी से कमजोर हो लेकिन हौसला व दृढ़ निश्चय के रूप में पैरालिंपिक खिलाड़ी सामान्य खिलाड़ियों से कहीं अधिक आगे हैं। राव ने कहा कि हरियाणा के पैरालिंपिक खिलाड़ियों ने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन किया है।