AQI: प्रतिबंध के बावजूद जमकर हुई आतिशबाजी, धुएं से सांस लेना हुआ मुश्किल

PATAKHE

प्रदूषण हुआ जान लेवा, आगजनी से मिली राहत
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धारूहेड़ा: पटाखों पर लगी रोक के बावजूद लोगों ने दिवाली की रात बड़े पैमाने पर आतिशबाजी की। धारूहेड़ा में धुएं के बादल छा गए और गंभीर ध्वनि प्रदूषण हुआ। आतिशबाजी के कारण धारूहेड़ा की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई। रात 12 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 298 दर्ज किया गया।

जमकर हुई आतिशबाजी से एक बार फिर एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया। शहर की आबो हवा में पीएम 2.5 की सांद्रता बढ़ गई, जिससे श्वसन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक स्थिति पैदा हो गई।

पिछले कई दिनों से दिवाली से पहले आसमान साफ ​​था और अनुकूल मौसमी संबंधी परिस्थितियों के कारण दीपाली से दो दिन पहले एक्यूआई 76 दर्ज किया गया था। लेकिन दिवाली पर शहर में प्रदूषण का स्तर फिर से अपने चरम पर पहुंच गया। प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों, पराली जलाने और वाहनों से निकलने वाले धुएं के कारण स्थिति और खराब हो गई।

POLLUTION

हालांकि, सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध का अनुपालन कराने के लिए कई दल गठित किए थे और इतना ही एनजीओ के माध्यम से जागरूकता फैलाई थी। इसके बावजूद बड़े पैमाने पर प्रतिबंधों का उल्लंघन होने की खबरें आईं।

धारूहेड़ा में दीवाली पर एक्यूआई आंकडो पर एक नजर

दीवाली से एक दिन पहले 30 अक्टूर
समय धारूहेड़ा भिवाड़ी
दोपहर 2 बजे 167 213
शाम 6 बजे 76 174
रात 10 बजे 129 212
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दीवाली के दिन यानि 31 अक्टूबर
समय धारूहेड़ा भिवाड़ी
दोपहर 2 बजे 210 267
शाम 6 बजे 242 289
रात 10 बजे 256 304
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दीवाली के ​एक दिन बाद 1 नवंबर को
समय धारूहेड़ा भिवाड़ी
सुबह 5 बजे 259 308
सुबह 8 बजे 255 306
दोपहर 11 बजे 259 309
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तेजी से बढ रहा है पीएम 2.5
पटाखों के चलते कस्बे मे पीएम 2.5 तेजी से बढ रहा है। दिवाली से पहले पीएम 2.5 महज 160 था जबकि दीवाली के बाद अधिकतम 338 तक पहुंच गया है। पीएम 2.5 एक सूक्ष्म कण है जो श्वसन तंत्र में गहराई तक प्रवेश कर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं, खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और उन लोगों में जिन्हें पहले ही सांस संबंधी बीमारी हैं।

आगजनी से राहत: सबसे अहम बात यह है भले ही धारूहेड़ा में आतिशबजी जमकर हुई हो, लेकिन आगजनी से राहत बनी रही। पिछले तीन दिन के दौरान धारूहेड़ा में आगजनी का एक भी केस नहीं आया है। दीपावली पर आगजनी नहीं होन से दमकल विभाग ने राहत की सांस ली है।
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पटाखों पर प्रतिबंध लगाया हुआ था। लेकिन लोग चोरी छीपे पटाखें ले ही आते है। लोगो को प्रदूषण के प्रति स्वयं ही जागरूक होना चाहिए। नियमों की संख्ती से जागरूकता जरूरी है।
हरीश शर्मा, एचएसवीपी