Haryana News: हरियाणा सरकार ने गांवों और दूरदराज के इलाकों में टीबी की जांच को और बेहतर बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में टीबी टेस्ट के परिणाम के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सरकार ने छह करोड़ रुपये की लागत से 40 नई टू नेट मशीनें खरीदने की मंजूरी दी है।
पहले ये मशीनें केवल केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाती थीं लेकिन अब हरियाणा में खुद ही इन मशीनों को सीएचसी और पीएचसी में रखा जाएगा। ये मशीनें टीबी के संदिग्ध मरीजों की जांच में मदद करेंगी। खास बात यह है कि इनके जरिए मात्र एक से डेढ़ घंटे में पता चल जाएगा कि मरीज को टीबी है या नहीं। इससे इलाज जल्दी शुरू किया जा सकेगा।
राजेश राजू, स्टेट टीबी अधिकारी ने बताया कि टू नेट मशीन से गंभीर टीबी रोगियों की पहचान करना आसान होता है। ये मशीनें खासकर मल्टीपल ड्रग रेजिस्टेंस (एमडीआर) वाले मरीजों की भी जांच कर सकती हैं। इसका उद्देश्य हरियाणा के दूरदराज इलाकों तक जांच की सुविधा पहुंचाना है ताकि कहीं कोई मरीज छूट न जाए।
जनवरी से अक्टूबर तक हरियाणा में करीब 79,000 नए टीबी मरीजों की पहचान की जा चुकी है। इस दौरान लगभग नौ लाख टेस्ट किए गए हैं। 78,000 से अधिक मरीज सफलतापूर्वक टीबी मुक्त भी हुए हैं। अधिक टेस्ट होने का मतलब है कि ज्यादा मरीजों को सही समय पर पता चल रहा है।
टीबी बहुत तेजी से फैलने वाला रोग है। एक मरीज साल में 10 से 15 लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसलिए समय पर जांच और इलाज जरूरी है ताकि इस बीमारी के प्रसार को रोका जा सके। नई मशीनों के आने से हरियाणा में टीबी के खिलाफ लड़ाई और मजबूत होगी और मरीजों को जल्दी और सही इलाज मिलेगा।

















