Haryana News: हरियाणा सरकार ने पांच साल से कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। सरकार ने विधानसभा में एक कानून पारित कर यह सुनिश्चित किया है कि ऐसे एक लाख 20 हजार अस्थायी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति की उम्र तक नौकरी से नहीं हटाया जाएगा। खास बात यह है कि यह लाभ उन कर्मचारियों को भी मिलेगा जो हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (HKRNL) में शामिल नहीं हैं।
सरकार ने बनाई उच्च स्तरीय समिति
इस फैसले को लागू करने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर की अध्यक्षता में वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की एक समिति का गठन किया था।
यह समिति कई बैठकों के बाद सेवा नियमों का मसौदा तैयार कर चुकी है, जिसे मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने सहमति प्रदान कर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को अंतिम मंजूरी के लिए भेज दिया है।
मुख्यमंत्री की मंजूरी का इंतजार
नए सेवा नियमों को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा, जैसे ही मुख्यमंत्री की स्वीकृति मिलेगी। हालांकि, पहले राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित अधिनियम में आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-1 का उल्लेख नहीं था।
इस कारण कई विभागों ने उन कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा नहीं दी थी जो इस नीति के तहत कार्यरत थे और जिन्हें HKRNL में नहीं जोड़ा गया था।
लेकिन अब अधिकारियों द्वारा तैयार किए गए नए मसौदे में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-1 के तहत काम कर रहे कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलेगा।
कौन से कर्मचारी होंगे लाभान्वित?
यह प्रावधान किया गया है कि जिन अस्थायी कर्मचारियों का वेतन 50,000 रुपये से कम है और जिन्होंने 15 अगस्त 2024 तक न्यूनतम पांच वर्ष पूरे कर लिए हैं, उन्हें नौकरी की सुरक्षा दी जाएगी।
इसका मतलब यह है कि यदि कोई कर्मचारी पिछले पांच वर्षों से सेवा में है, तो उसे नौकरी से नहीं हटाया जाएगा और उसकी नौकरी को स्थायी सुरक्षा दी जाएगी।
सेवा ब्रेक के बावजूद मिलेगा लाभ
नए नियमों के तहत यदि किसी कर्मचारी की सेवा के दौरान ब्रेक भी आया हो, तब भी उसकी नौकरी सुरक्षित रहेगी, बशर्ते उसने कुल पांच वर्ष तक काम किया हो।
उदाहरण के लिए:
- यदि किसी कर्मचारी ने लगातार तीन साल तक किसी विभाग में कार्य किया और हर साल 240 दिन तक वेतन लिया, फिर चौथे वर्ष में ब्रेक आया, लेकिन उसने पांचवें और छठे वर्ष फिर से 240 दिन कार्य किया, तो उसकी पांच वर्ष की सेवा पूरी मानी जाएगी।
- इसी तरह, यदि किसी कर्मचारी ने किसी विभाग में लगातार तीन वर्ष तक कार्य किया और 240 दिन वेतन लिया और फिर नौकरी छोड़ दी, लेकिन छठे और सातवें वर्ष फिर से 240 दिन काम किया, तो उसकी कुल सेवा को पांच वर्ष माना जाएगा।
विभागों को मिले स्पष्ट निर्देश
इस अधिनियम के तहत सरकार ने सभी विभागों, बोर्डों और निगमों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे पांच वर्ष पूरे कर चुके सभी अस्थायी कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा प्रदान करें।
इसके अलावा, सेवा नियमों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कर्मचारियों को उनके कार्यकाल के दौरान वेतन और अन्य सुविधाएं नियमित रूप से मिलती रहेंगी।
कर्मचारियों के लिए राहतभरी खबर
इस फैसले से हरियाणा में कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। लंबे समय से कर्मचारी संगठन सरकार से नौकरी की सुरक्षा की मांग कर रहे थे।
अब सरकार के इस निर्णय से इन कर्मचारियों को अपने भविष्य को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं होगी और वे बिना किसी असुरक्षा के अपना काम जारी रख सकेंगे।
हरियाणा सरकार का यह फैसला राज्य के अस्थायी कर्मचारियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। अब पांच साल की सेवा पूरी करने वाले सभी अस्थायी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति तक नौकरी की सुरक्षा दी जाएगी, भले ही उनकी सेवा में बीच-बीच में ब्रेक आया हो।
इस कदम से कर्मचारियों में विश्वास बढ़ेगा और वे अधिक उत्साह के साथ अपनी सेवाएं देंगे। सरकार की ओर से जल्द ही इन नए सेवा नियमों को अधिसूचित किया जाएगा, जिससे सभी कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सके।

















