Weather: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने घोषणा की है कि भारत में इस साल गर्मी के मौसम (अप्रैल से जून) में औसत से अधिक गर्मी के दिन देखने को मिलेंगे। देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान दर्ज किए जाने की आशंका है।
मौसम विभाग (IMD) से लेकर सरकार तक, हर ओर से चेतावनियां जारी की जाने लगी हैं। मौसम विभाग हमें सावधान कर रहा है कि लू की चपेट में आने से बचिए। विभाग ने अपने अनुमान में कहा, ‘ओडिशा, झारखंड, रायलसीमा, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटवर्ती इलाकों, तटीय आंध्र प्रदेश, पुदुचेरी के यनम और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में 4 से 6 अप्रैल तक अलग-अलग स्थानों पर लू का प्रकोप रह सकता है। इसके साथ ही विदर्भ और तेलंगाना में 5 और 6 अप्रैल के दौरान अलग-अलग स्थानों में हीटवेव की स्थिति रहेगी।’
अनुमान है कि गर्मी का सबसे अधिक असर दक्षिणी हिस्से, मध्य भारत, पूर्वी भारत और उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों पर पड़ेगा. इसका मतलब ये हुआ कि देश के मैदानी इलाके इस बार हर साल से ज्यादा तपने वाले हैं.
ये घोषणा तब की गई है जब भारत पहले से ही अपनी बिजली की मांग को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है, जो गर्मी के मौसम में काफी बढ़ जाती है। एक विश्लेषण में बताया गया कि 31 मार्च, 2024 को समाप्त होने वाले वर्ष में भारत का जलविद्युत उत्पादन कम से कम 38 वर्षों में सबसे तेज गति से गिरा है।
आने वाले महीनों में भी जलविद्युत उत्पादन शायद सबसे कम रहेगा, जिससे कोयले पर निर्भरता बढ़ जाएगी। इससे वायु प्रदूषण अगर बढेगा तो ये गर्मी में और योगदान देगा।
इन इलाकों में बारिश की भी संभावना
मौसम विभाग ने 5 से 8 अप्रैल तक मध्य महाराष्ट्र में और 6 से 8 अप्रैल तक कोंकण, गोवा, मराठवाड़ा, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, तेलंगाना और कर्नाटक में अलग-अलग हल्की बारिश का पूर्वानुमान लगाया है, जो दक्षिण तमिलनाडु से पूर्वी विदर्भ तक फैले विशिष्ट हवा और मौसम के पैटर्न के कारण है।
आईएमडी ने बताया कि शुक्रवार को दिल्ली के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने सोमवार को कहा कि भारत में अप्रैल से जून तक की अवधि के दौरान अत्यधिक गर्मी पड़ेगी और इसका मध्य एवं पश्चिमी प्रायद्वीपीय भागों पर सबसे बुरा प्रभाव पड़ने का अनुमान है।