Haryana News: साहबी बैराज में रेवाडी से दूषित पानी छोडा रहा है। पिछले माह भेजे गए पानी के सैंपल फैल होने पर अब रेवाडी जिला प्रशासन भी एनजीटी के रेडार पर आ गए है। एनजीटी की ओर से प्रधान सचिव और डीडीपीओ से जबाब मांगा गया है।
हाईवे स्थित मसानी बैराज में एचएसवीपी व जनस्वास्थय विभाग की ओर छोडे जा रहे दूषित पानी का मामला अब एनजीटी में पहुंच गया है। एनजीटी के आदेश पर कमेटी का गठन करके रेवाड़ी डीसी अशोक कुमार गर्ग की अगुवाई में 24 नवंबर को मसानी बैराज का निरीक्षण किया जाएगा।
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ हरिश कुमार ने बताया कि खरखडा निवासी प्रकाश यादव ने केंद्रीय प्रदूषण मंत्रालय, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित एनजीटी को शिकायत भेजी थी।
जिसमे आरोप लगया था कि रेवाडी की ओर की ओर से साहबी बैराज में प्रदूषित पानी छोडा जा रहा है। जिसके चलते गांव खरखड़ा, खलियावास, ततारपुर खालसा, भटसाना और निखरी सहित अन्य गावों का भूमिगत जलस्तर खराब हो गया है।
एनजीटी कोर्ट दिल्ली में अक्तूबर माह में हुई सुनवाई के बाद चीफ सेक्रेटरी हरियाणा के माध्यम से हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डीएमसी रेवाड़ी और डीसी रेवाड़ी को नोटिस जारी कर एक संयुक्त टीम बनाकर एक महीने के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए गए थे। विभाग की ओर से भेजे गए सभी पानी के सैंपल फैल हो गए है।
जानिए कितना दूषित है पानी: विभाग की ओर से भेजे गए सैंपलो में साफ जाहिर हो रहा है पाानी को ट्रीट किया ही नहीं जा रहा है। पानी गुणवत्ता के लेबल से 500 गुणा अधिक खराब है। छोडे जा रहे दूषित पानी को लेकर एनजीटी ने सिचाई विभाग के प्रधान सचिव, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी को नोटिस देकर जबाब मांगा गया है।