धारूहेडा: यहां के सोहना रोड पर बाबा सैयद रामलीला क्लब की ओर से रविवार रात को ताडका वध मंचन किया गया। ऋषि-मुनियों पर राक्षसों का अत्याचार बढ़ने के कारण महर्षि विश्वामित्र अयोध्या जाते हैं और राजा दशरथ से राक्षसों के संहार के लिए भगवान श्रीराम और लक्ष्मण को मांग कर लाते हैं।नवरात्री पर सुनहरा मोका। घर ले जाएं ये शानदार माइलेज देने वाली बाइक्स, कीमत सिर्फ इतनी
महर्षि विश्वामित्र दोनों को घनघोर दंडक वन में लेकर जाते हैं, जहां पर राक्षसी ताड़का का वास होता है। दंडक वन में आकर भगवान राम और राक्षसी ताड़का के बीच भयानक युद्ध होता है। जिसमें मारीच व सुबाहु की बहन राक्षसी ताड़का का भगवान श्रीराम वध कर देते हैं। इसके बाद ताड़का के दोनों भाई मारीच और सुबाहु के साथ भगवान श्रीराम का युद्ध होता है।डिजीटल की आड में bob world में बडा स्कैंडल: जानिए कैसे खुला राज, RBI ने दिए अब ये आदेश
इस युद्ध में भगवान श्रीराम का बाण लगने से मारीच सौ योजन दूर जाकर गिरता है तथा सुबाहु मृत्यु को प्राप्त होता है। रामलीला प्रधान पुनीत रंगा ने बताया कि रामलीला में श्री राम (राहुल रंगा) लक्ष्मण (रोहित सैनी) विश्वामित्र (सूबे सिंह) दशरथ (सुनिल नागर) सुबाहु मारीच (हेमन्त पनवाल और आशीष शर्मा) तड़का (कृष्ण यादव और अभि मेहरा) ने रोल अदा किए।