Payrushan Parv 2024: आज लाखों लोग मांगेंगे क्षमा, जानिए जैन धर्म में ‘उत्तम क्षमा पर्व’ क्यों है खास?
जैन समाज की ओर से उत्तम क्षमा पर्व मनाया
Payrushan Parv 2024: धारूहेड़ा के मुख्य बाजार स्थित श्री 1008 श्री चन्द्रप्रभ दिगम्बर जैन मंदिर धारूहेड़ा में बुधवार को उत्तम क्षमा पर्व मनाया गया। जैन समाज के प्रधान निवेश जैन ने बताया कि यह पर्व इसलिए मनाया जाता है ताकि लोग अपने मन से दुर्भावना, द्वेष, और घृणा को दूर कर सकें।
क्षमा मांगना और क्षमा करना केवल शारीरिक कार्य नहीं है, बल्कि यह मन, आत्मा, और भावनाओं का शुद्धिकरण है। व्यक्ति अपनी गलतियों को स्वीकारता है और दूसरों की गलतियों को माफ करता है, जिससे अंतःकरण शुद्ध होता है और एक शांतिपूर्ण जीवन की दिशा में आगे बढ़ने में सहायता मिलती है। Payrushan Parv 2024
क्षमा करने से व्यक्ति के मन में शांति उत्पन्न होती है। क्षमा से व्यक्ति के पारिवारिक और सामाजिक संबंधों में सुधार आता है। अध्ययनों से यह प्रमाणित हुआ है कि क्षमाशील होने से तनाव कम होता है, जिससे शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। इस अवसर पर मुकेश जैन, कोषाध्यक्ष गौरव जैन, संरक्षक विजय जैन, कंवर सैन जैन, रजत जैन, सुमित, प्रकाश जैन आदि मौजूद रहे।Payrushan Parv 2024
क्षमा करने से अहंकार और क्रोध से मिलती है मुक्ति
इस पर्व का मुख्य उद्देश्य लोगों को आत्मावलोकन के लिए प्रेरित करना है। क्षमा मांगने से व्यक्ति अपने भीतर की कमजोरियों को पहचानता है और उनसे मुक्ति पाता है। वहीं दूसरों को क्षमा करने से अहंकार और क्रोध जैसे नकारात्मक भावनाओं से मुक्ति मिलती है।Payrushan Parv 2024
उत्तम क्षमा पर्व जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो न केवल धार्मिक या आध्यात्मिक महत्व रखता है, बल्कि व्यक्ति के जीवन को शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण बनाने में मदद करता है।