हरियाणा: गन्ना के खेती करने वालो को मनोहर सरकार ने महंगाई का एक नया झटका दे दिया है। इससे पहले हार्वेस्टर पर कटाई जाने वाली गन्ने की फसल पर पहले 5% वजन कटौती की जा रही थी। लेकिन अब सरकार के इस फैसले के बाद वजन कटौती बढ़ाकर 7 परसेंट हो गई है।
हरियाणा सरकार के इस निर्णय से के गन्ना किसानों को बड़ा बडा झटका दे बता दें कि गन्ना किसानों को अब चीनी मिलों में गन्ने की फसल बेचने पर 2 प्रतिशत अधिक वजन कटौती देनी होगी। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार के इस फैसले पर विरोध जताया और कहा कि यह किसानों के साथ अन्याय है. उन्होंने कहा कि पंजाब समेत अन्य राज्यों में हरियाणा से कम कटौती है।
गन्ना किसानों पर दोहरी मार
पंजाब में सरकारी व प्राइवेट दोनों तरह की ही बिकवाली पर सिर्फ 3% की कटौती ली जाती है। इसके विपरीत हरियाणा में किसानों से Double से भी ज्यादा कटौती ली जा रही है।
हुड्डा ने कहा कि एक तरफ कम कीमत पर किसानों से फसलें खरीदी जा रही है, तो दूसरा वजन कटौती के नाम पर अब उन्हें ठगना भी शुरू हो गया है। स्थिति यह बन गई है कि गन्ने की खोई 400 रूपये प्रति क्विंटल बिक रही है और गन्ना सिर्फ 360 रूपये के रेट पर खरीदा जा रहा है। गन्ने की खोई भी एथनोल बनाने के काम आ रही है.
खाद की किल्लत बनी आफत्: किसान की लागत और गन्ने की उपयोगिता को देखते हुए हरियाणा के किसानों को कम से कम ₹400 प्रति क्विंटल रेट तो मिलना ही चाहिए। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री ने खाद के लिए परेशान हो रहे किसानों का भी मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा कि किसानों को खाद के लिए कई- कई दिनों और घंटों तक लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ता है, फिर भी उन्हें खाद नहीं मिल पा रही। समय पर खाद का छिड़काव ना करने की वजह से फसलों की पैदावार कम होने का डर भी किसानों को सता रहा है।