Ganesh Chaturthi: पूरे देश में 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। गणेश चतुर्थी का पर्व को लेकर बाजार में रोनक छाने लगी है। इस दौरान घर-घर में विघ्नहर्ता श्रीगणेश की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। साथ ही उनके स्वागत के लिए घर और द्वार भी सजाए जाएंगे। हालांकि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन करने से बचें। ऐसी मान्यता है कि चंद्र दर्शन करने से मानहानि की आशंका बढ़ जाती है।Haryana: दो बच्चों की मां प्रेमी संग फरार, सुबह घर से मंदिर में आई थी बच्चों के साथ
Exact date of Ganesh Chaturthi 2023 गणेश चतुर्थी 2023 की सही डेट
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 2 दिन तक रहेगी। इस उत्सव की शुरुआत 2023 में 19 सितंबर से शुरू हो रहा है और इसका समापन 28 सितंबर 2023 को होगा। ऐसे में 28 सितंबर को गणेश विसर्जन होगा।
गणेश चतुर्थी का पर्व
श्रीगणेश महोत्सव चतुर्थी से प्रारंभ होकर अनंत चतुर्दशी 29 सितंबर को गणेश विसर्जन के साथ इस त्योहार का समापन होता है। ज्योतिषाचार्य अजय शास्त्री के अनुसार भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मध्याह्न काल में हुआ था।पंचकूला में रिया यादव ने जीता गोल्ड, नेशनल चैंपियनशीप में हरियाणा का करेगी प्रतिनिधित्व
यह गणेश उत्सव 10 दिनों तक चलता है। इसमें बड़े-बड़े पंडालों में गणपति बप्पा को विराजमान कर उनकी पूजा उपासना की जाती है। शास्त्री ने बताया कि हिंदू धर्म में चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है। कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी और शुक्लपक्ष के चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के रूप में मनाते हैं।
जानिए पूजन का समय व विधि
भगवान श्रीगणेश की मूर्ति को विराजमान कर, मध्याह्नकाल, अभिजित मुहूर्त सुबह 11: 52 से दोपहर 12: 41 व वृश्चिक लग्न सुबह 10:41 से दोपहर 12:59 गणपति पूजा करें। पंचोपचार व षोडशोपचार गंध, अक्षत, पुष्प, दूर्वा, फल और मोदक के लड्डू का भोग लगाएं। भगवान श्रीगणेश को दूर्वा और मोदक अतिप्रिय हैं। गणेश अथर्व शीर्ष, गणेश सहस्त्रनाम, गणेश चालीसा, संकट नाशक स्तोत्र, ॐ गं गणपतये नमः आदि मंत्रों का जप करें।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि भगवान श्रीगणेश को सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति में भगवान गणेश को विद्या बुद्धि प्रदाता, विघ्न विनाशक,मंगलकारी, सिद्धिदायक, रक्षा कारक, समृद्धि ,शक्ति और सम्मान दिलाने वाले देव माने जाते हैं।
Significance of Ganesh Utsav गणेश उत्सव का महत्व
ऐसा भी माना जाता है कि इन दिनों में जो जातक गणेश जी को घर में बैठाकर सच्चे मन से उनकी आराधना करता है, उसके जीवन में सदा ही बप्पा का आशीर्वाद बना रहता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि जिस दिन गणेश जी का जन्म हुआ था, उस दिन भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी थी। इस दिन को गणेश चतुर्थी और विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।