हरियाणा : हरियाणा में तेजी से हो रही भूजल दोहन से पानी का स्तर गिरता जा रहा है। पानी कि किल्लत के चलते प्रदेश सरकार कई जिलोे को रेड जोन घोषित कर चुकी है। अगर इसी तरह से पानी का दोहन जारी रहा तो वह दिन दूर नहीं जब पैट्रोल की तर्ज पर पानी के भी पेंप होगें।HSSC TGT Exam 2023: टीजीटी भर्ती परीक्षा तिथि जारी, यहाँ जानिए कब होगी परीक्षा
सीएम हरियाणा मनोहर लाल ने बताया कि प्रदेश में भूजल स्तर में लगातार गिरावट हो रही है ऐसे में प्राथमिकता के आधार पर ही किसानों को नए ट्यूबवेल कनेक्शन मिलेंगे। वैसे भी ओलावृष्टि व बारिश से किसान को भगवान ने बरबाद कर दिया हैं वही अब सीएम के लिए टयूबबैल कनेक्शन नहीं देकर किसानो का एक ओर बडा झटका दिया है।
विधानसभा में बजट सत्र का आज आखिरी दिन है और इस दौरान सदन में सीएम मनोहर लाल के एक बयान से नए ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाले किसानों को करारा झटका लगा है। यानि हरेक किसान को कनेक्शन नही दिया जाएगा।
इन क्षेत्रों में नहीं मिलेगा कनेक्शन
उन्होंने कहा कि 50 हॉर्स पावर (HP) से अधिक के कनेक्शन नहीं दिए जाएंगे। 10 एचपी तक के लिए सोलर कनेक्शन दिए जाएंगे।
जिन क्षेत्रों में जलस्तर बहुत नीचे चला गया है, वहां ट्यूबवेल कनेक्शन देना संभव नहीं है। ऐसे क्षेत्रों में सुक्ष्म सिंचाई प्रणाली अपनाने वाले किसानों को ही कनेक्शन जारी किए जाएंगे।Dharuhera: हिंदू नव वर्ष पर सुंदरकांड पाठ का आयोजन
सूक्ष्म सिंचाई अपनाने वाले किसानों को ओपन ट्यूबवेल कनेक्शन देना संभव नहीं है क्योंकि ज्यादातर क्षेत्रों में पानी बहुत अधिक नीचे चला गया है। अगर इसी तरह से दोहन जारी रहा तो पानी की किल्लत आ जाएगी।
इस सेवा के अधीन होगा ये कार्य
ट्यूबवेल कनेक्शन प्रकिया को सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत लाना संभव नहीं हैं। क्योंकि इसमें तीन घटक होते हैं। पहला प्राकृतिक, दूसरा पानी की उपलब्धता और तीसरा बजट। ऐसे में इन तीनों कारणों की वजह से सरकार इसको राइट टू सर्विस के दायरे में नहीं ला सकती है।
















