Haryana : पुलिस की इशारे पर ही होता है सट्टेबाजी का खेल, पकडे कौन ?

CRIME 2

Haryana: जिन लोगों को सट्टेबाजी रोकने की जिम्मेवारी दी है अगर वे ही नही चाहते तो फिर भला सट्टेबाजी रोकने वाले कौन पकडेगा! ये खेल कोई नया नहीं है। थानाधिकारी के साथ पुलिस के बडे अधिकारी भी इस काली कमाई से अपनी जेब भरते है।

नया नही है खेल: रेवाडी में ऐसी कोई गली नहीं जहां शराब नहीं मिलती हो और सटृटे का खेल नहीं हो। अब पिछले दो साल में सीएम प्लाईंग ने महज 10 बार ही सट्टेबाजी गिरोह का पकडा है, जबकि जिस थाने के अधीन आता है उनको सब कुछ पता होने के बाजवूद कार्रवाई क्यों नही होती। इसका किसी के पास कोई जबाव नही है।

सिर्फ दिखावे के लिए रेड: सही बात तो है यह है जिले में नशाखारी ओर सट्टे बाजी रूकी ही नहीं है। जिसके लिए पुलिस प्रशासन ही जिम्मेदार हैं।मथली लेकर वे ऐसे लोगो पर पर कारवाई ही नहीं करते है। बताया जा रहा है गोकलगढ में सट्टे बाजी का खेल कई सालो से जारी है। आज तक इसे पकडा नही गया है।

रंगे हाथ काबू: एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) गुरुग्राम की टीम ने सदर पुलिस स्टेशन के प्रभारी सुनील दत्त और एएसआई कमल कुमार को रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया है। मौके से रिश्वत के 50 हजार रुपये भी बरामद किए गए हैं।

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सोमवार को आरोपी एएसआई कमल ने उसे पैसे देने के लिए सदर थाने के पास पुलिस क्वार्टर में बुलाया जहां एसएचओ सुनील दत्त भी मौजूद थे। जैसे ही पुलिसकर्मियों ने पैसे लिए, एसीबी की टीम ने दोनों को 50 हजार रुपये के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों के खिलाफ रेवाड़ी एसीबी थाने में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है।

जानिए आगे क्या होगा: कुछ दिन ये दोनो बहाल हो जाएंगे! बस फिर इसी के दुशमन बन जाएंगे। उसे सट्टा नहीं खेलने देगें या फिर किसी दलाल से दोबारा से मोटी राशि देने पर समझोता हो जाएगा। कुछ मिलाकर यह है कि ये खेल खत्म नहीं होगा।