Gurugram के सेक्टर 102 निवासी सर्वमित्र ने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (DGP) ओ.पी. सिंह को कानूनी नोटिस भेजा है। यह नोटिस DGP के हालिया बयान से नाराजगी जताने के लिए भेजा गया है। सर्वमित्र ने अपने नोटिस में लिखा है कि उन्होंने 30 लाख रुपये से अधिक की कीमत में थार खरीदी थी, लेकिन DGP के बयान के बाद लोग उन्हें ताने मार रहे हैं और उन्हें अपमानित महसूस करवा रहे हैं। उन्होंने DGP के बयान को अपमानजनक और मजाकिया बताया और कहा कि इस वजह से उनके रिश्तेदार, पड़ोसी और परिचित उन्हें तंग कर रहे हैं।
8 नवंबर को गुरुग्राम में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में DGP ओ.पी. सिंह ने थार और बुलेट के मालिकों को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि सभी अपराधी थार और बुलेट में चलते हैं और कोई भी थार का मालिक मानसिक रूप से अस्थिर होना चाहिए। DGP ने अपने बयान में यह भी कहा कि “थार सिर्फ एक वाहन नहीं है, यह एक बयान है। ठीक है, तब भुगतो। यह मजेदार नहीं है, आप धमकाने वाले बन सकते हैं और परेशानी में पड़ सकते हैं।” इस बयान के बाद सर्वमित्र ने DGP से 15 दिनों के भीतर माफी मांगने की मांग की है। उन्होंने बताया कि उनके एक बेटे की पढ़ाई चल रही है और दूसरा काम कर रहा है, लेकिन अब लोग उन्हें ताने मार रहे हैं।
DGP के इस बयान पर पहले ही पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सवाल उठाया था। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर खुद और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की फोटो शेयर करते हुए DGP के बयान को उजागर किया। दुष्यंत चौटाला ने कैप्शन में लिखा कि “DGP साहब! क्या यह सच है कि अपराधी थार और बुलेट में चलते हैं?” इस बयान ने सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा पैदा कर दी।
सर्वमित्र का कहना है कि DGP के बयान के कारण उन्हें न केवल ताने मिल रहे हैं बल्कि समाज में मानसिक तनाव भी बढ़ गया है। कानूनी नोटिस में स्पष्ट किया गया कि यदि 15 दिनों के भीतर माफी नहीं दी गई, तो वे आगे कानूनी कार्रवाई करेंगे। यह मामला सिर्फ व्यक्तिगत अपमान का ही नहीं बल्कि थार और बुलेट मालिकों के लिए सामाजिक दृष्टि से भी संवेदनशील है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे बयान जिम्मेदारी के साथ देने चाहिए, क्योंकि इससे सामान्य नागरिकों की छवि पर भी असर पड़ सकता है।

















