रेवाडी: भले ही सरकार ईमानदार कार्यशैली के कितने की दावे कर रही हो, लेकिन सच्चाई इससे कोसो दूर हैं। हर कार्यालय में भ्रष्टाचार चरमसीमा पर है। सरे आम जनता को लूटा जा रहा है। सबसे अहम बात तो यह है कि शिकायत के बाजवूद कोई सुनवाई नहीं की जा रही है।
जिले में आजकल विकलांग सर्टिफिकेट नाम पर धडल्लेे से लूट हो रही है। मोटे पैसे लेकर निजी अस्पताल में बुलाकर विकलांग सर्टीफिकेट बनाए जा रहे है। इतना ही नहीं सरेआम सर्टिफिकेट के नाम पर तीस से 40 हजार रूपए वसूले जा रहे है।
शिकायतकर्ता की धक्के मार निकाला बाहर:
गलत सर्टिफिकेट बनाने की शिकायत लेकर सीएमओ कार्यालय पहुंचे जडथल निवासी ईश्वर के साथ दुर्व्यवहार कर डॉक्टर ने अस्पताल से बाहर कर दिया। इतना ही नहीं यह भी कहा कि अगर 60 हजार रुपए लाओगे तो सही सर्टिफिकेट बन जाएगा।
यू चलता है खेल: पीडित ने आरोप लगाया कि एक भाई प्राइवेट अस्पताल चलात है तो दूसरा सरकारी अस्पताल में डॉक्टर है। ऐेसें में धडल्ले से विकलांग सर्टीफिकेट के नाम पर लूट हो रही है।