EPFO Pension Scheme: भले ही नौकरी मे कितना ही पैकेज मिलता हो, बुढापे में जीवन यापन के लिए पैंशन बहुत जरूरी है। हाल ही में ईपीएफओ की ओर हायर पैंशन की सूचना मिलते ही कंपिनयो में चर्चा का विषय बनी हुई है।NHAI ने रोहतक पानीपत टोल के घटाए रेट, जानिए कितना लगेगा शुल्क
पेंशन के लिए हो रहा आंदोलन: सरकार ने पेंशन स्कीम को बंद किया है। सरकारी कर्मयचारी पैंशन स्कीम लागू करने के लिए आंदोलन कर रहे है। सबको पता है बुढापे पेंशन ही एकमात्र सहारा होता है।
बढाई अंतिम तिथि: EPS के तहत अधिक पेंशन स्कीम के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। ईपीएफओ ने इसके लिए पहले 3 मार्च तय की थी, जिसे अब बढ़ाकर 3 मई 2023 तक दिया गया है।IMD Alert: हरियाणा में 4 दिन होगी बारिश, ओलावृष्टि की भी चेतावनी
इतना ही नहीं मेनूअल के साथ अब ईपीएफओ के मेंबर्स के पोर्टल के जरिए भी अप्लाई कर सकेंगे। लेकिन कर्मचारी के मन मे यह भ्रम बना हुआ है सरकार पेंशन के नाम पर हमारी मोटी अपने कब्जे मे कर रही हैं। 50 फीसदी लोग इस स्कीम को अभी तक इगनोर ही करने चर्चा कर रहे है।
जारी किया नोटिस: पिछले सप्ताह ईपीएफओ ने इसकी प्रक्रिया का ब्योरा जारी किया था। इसमें बताया गया था कि अंशधारक और उनके नियोक्ता संयुक्त रूप से कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत ऊंची पेंशन के लिए आवेदन कर सकते हैं। कंपनियो मे इस बाबत एक्पर्स की ओर से लोगो समझाया जा रहा है ताकि लोग इस स्कीम के नफा व नुकसान के बारे मे जान सके।Rewari Crime: पति ने पत्नी के सिर पर मारी कुल्हाडी, धमकी देकर फरार
क्या है नया नियम:
नवंबर, 2022 में उच्चतम न्यायालय ने कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 को बरकरार रखा था। इससे पहले 22 अगस्त, 2014 के ईपीएस संशोधन ने पेंशन योग्य वेतन सीमा को 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति माह कर दिया था। साथ ही सदस्यों और उनके नियोक्ताओं को ईपीएस में उनके वास्तविक वेतन का 8.33 प्रतिशत योगदान करने की अनुमति दी थी।
ज्यादा कटेगा पैंशन के लिए फंड: फिलहाल यह स्कीम होने पर कर्मचारियो के खाते में कम अंशदान तथ पेंशन मे ज्यादा अंशदान होगा। इसके ज्यादा होने ही पेंशन ज्यादा मिल सकेगी।
एक्सपर्ट की राय: जो लोग ज्यादा बीमार रहते है या जिनको पता है वे कुछ दिन के महमान है। ऐसे लोगो को इस नई स्कीम से दूर रहना चाहिए। उन्हे पुरानी स्कीम ज्यादा फायदे मंद है। क्योकि मरने के बाद आश्रित को इस पेंशन का इतना ज्यादा फायदा नहीं है।