Bhiwadi news: वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के आदेश का भिवाड़ी के उद्यमियों ने किया विरोध, जानिए क्यों

भिवाड़ी: वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के बिना स्वच्छ ईंधन से चलने वाले उद्योगों को आठ घंटे ही चलाने के आदेश का भिवाड़ी के उद्यमी खुलकर विरोध कर रहे हैं। उद्यमियों का कहना है कि आयोग की सख्ती के कारण उद्योग चलाना मुश्किल हो गया है। एनसीआर में बिना क्लीन फ्यूल के फैक्ट्रियों को आठ घंटे चलाने की अनुमति दी गई है लेकिन अधिकतर उद्योगों को प्रोसेस करने में ही काफी वक्त लग जाता है। ऐसे में आठ घंटे की समय-सीमा को बढ़ाया जाए। उद्यमियों के कहना है कि पाबंदियों के चलते अब तक दो- ढ़ाई हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

बीएमए की अगुवाई में उद्यमियों ने मंगलवार को प्रदूषण नियंत्रण मंडल के दफ्तर पहुंचकर विरोध जताया। राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल (आरपीसीबी) व उद्यमियों के बीच मंगलवार को हुई मीटिग में प्रदूषण के कारण उद्योगों पर पड़ रहे विपरीत प्रभाव पर चर्चा की गई। आरपीसीबी के रीजनल आफिसर विवेक गोयल ने कहा कि वायु गुणवत्ता कमीशन आयोग के आदेश समूचे दिल्ली एनसीआर पर लागू है और उसकी पालना सभी को करना है। ग्रेडेड एक्शन रिस्पांस प्लान (ग्रेप) लागू होने के बाद वायु प्रदूषण रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी उद्योग क्लीन फ्यूल व पीएनजी का इस्तेमाल करें, जिससे उन्हें किसी तरह की समस्या नहीं हो और निर्बाध रूप से उत्पादन कर सकें। उद्यमियों ने कहा कि प्रदूषण का मुख्य कारण खस्ताहाल सड़कों से उड़ती धूल है और बार-बार इसका खामियाजा उद्योगों को उठाना पड़ रहा है। जो उद्योग पीएनजी पर चल रहे हैं, उन्हें पर्याप्त गैस नहीं मिल रही है। भिवाड़ी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (बीएमए) के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि कई जगह पर गैस की पाइप लाइन नहीं है। हरियाणा सिटी गैस के पास पीएनजी गैस नहीं है। मीटिग में बीएमए अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह चौहान, पूर्व अध्यक्ष बृजमोहन मित्तल, कोषाध्यक्ष कृष्ण लाल, उपाध्यक्ष देवेंद्र चौहान, सुमित सिंह, राजेंद्र दायमा, आरएस राठी सहित अन्य उद्यमी उपस्थित थे।

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