धारूहेडाः सुनील चौहान। धारूहेडा नपा के चयेरमैन कंवर सिंह की कुर्सी राजनैतिक अखाडा बन गई है। भले ही कंवर सिंह ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए राव इद्रजीत की शरण ले ली हो, लेकिन एक माह से ज्यादा समय बीतने के बावजूद जिला प्रशासन की ओर से शपथ ग्रहण नहीं करवाना कंवर सिंह के लिए हर दिन घाव बनता जा रहा है। अब चेयरमैन की कुर्सी राजनेनिक अखाडा बन गई है। पहले सीएम के पास पाकर शरण लेना तथा अब राव इद्रंजीत की शरण मे जाकर दो नावो में सवारी करना मंहगा पड गया है।
क्या था विवादः चुनाव आयोग को दी शिकायत में संदीप बोहरा के साथ साथ सात अन्य चेयरमैन उम्मीदवारों ने एफिडेविट देते हुए आरोप लगाए थे कि कंवर सिंह ने जो 10 वीं मार्कशीट दिखाई है वह दी सेंट्रल बोर्ड ऑफ हायर एजुकेशन से दर्शाई गई है तथा 2 जुलाई 1981 में परीक्षा पास की है। उस समय हरियाणा में इस तरह का कोई बोर्ड नहीं था। जिला प्रशासन से 10 वी मार्कसीट जांच होने शपथ नहीं दिलाने की मांग की थी। उपायुक्त की ओर से कागजातों की जांच एसडीएम कोसली को सौंपी थी। जिसमें एसडीएम की ओर से कंवर सिंह की मार्कशीट को हरियाणा बोर्ड के अनुसार वैध नहीं बताते हुए फर्जी करार दिया गया था। जांच रिपोर्ट चुनाव आयोग के पास भेजी गई थी। कंवर सिंह को चुनाव आयोग की ओर से मार्च 21 मे डिसक्वालीफाई कर दिया गया था। इसी के कंवर सिंह की ओर से मार्कशीट को लेकर हाईकोट में अपील की थी। 09 सितंबर को हाइेकोर्ट कंवर सिंह की मार्कशीर्ट का वेध करार देते हुए चुनाव रदद करने का आदेश दे दिया था।
12 सितंबर को होने थे चुनावः चुनाव की सारी तैयारियां हो चुकी थी। 12 सितंबर को चुनाव होना था। हाईकोर्ट की ओर अचानक एकतरफ फैसला देने से चुनाव रद कर दिए गए है। लेकिन चेयरमैन प्रत्याशी इस फैसले के विरोध है। इसी के लिए सात प्रत्याशियों ने एक जुट होकर हाईकोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अपील की गई है।
डेढ माह बीता नहीं जारी हुआ नोटिफिकेशनः चेयरमैन की कंवर की कुसी राजनैतिक पेच बनी हुई है। राव इद्रंजीत की शरण लेने के बावजूद कंवर सिंह को चेयरमैन के लिए नोटिफिकेशन चुनाव विभाग की ओर जारी नहीं किया गया हैए जबकि अदालत के आदेश को एक महीना हो चुका है। वहीं सात चेयरमैन प्रत्याशियो की ओर से दायर की गई री पिटीशन को लेकर भी अभी तक कोई निर्णय नहीं आया है।
राजनैतिक हस्तक्षेप बनी रोडाः सूत्रो के अनुसार कंवर सिंह ने भले ही राव इद्रंजीत की शरण लेकर भाजपा में जाने की आस्था दर्शाइ होए लेकिन भाजपा पदाधिकारियो की ओर से कवंर की सिंह की स्पोट नहीं की जा रही है। सात प्रत्याशियों की वर्तमान सरकार में मजबूत पकड होने के चलते एक बार फिर कंवर की चेयरमैन के नोटिफिकेशन को ठंडे बस्ते में डलवा दिया गया है।
प्रशासन को बनाया पार्टीः कंवर सिंह की ओर से हाईकोट मे जिस समय अपील की गई थीए उस समय एसडीएम कोसली, डीसी रेवाडी को भी पार्टी बनाया गया था। इसी के चलते अब प्रशासन भी कंवर सिंह के पक्ष में नहीं है।