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Government news: रिटायर्ड कर्मचारियों को अब नहीं मिलेगा DA बढ़ोतरी और 8वें वेतन आयोग का लाभ, जानिए क्यों

On: June 17, 2025 12:30 PM
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Retired employees will no longer get DA hike and 8th Pay Commission benefits, know why

Government news: हाल ही में भारत की संसद द्वारा पारित वित्त अधिनियम 2025 ने देश के लाखों रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों के सामने गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है। यह नया कानूनी ढांचा उन सभी रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए चिंता का विषय बन गया है, जो भविष्य के वेतन आयोगों से अपनी पेंशन में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे थे। इस नए अधिनियम ने रिटायर्ड कर्मचारियों के अधिकारों में काफी कटौती की है, जिससे पारंपरिक पेंशन संरचना में बुनियादी बदलाव आए हैं।

नए कानूनी प्रावधानों की विस्तृत समीक्षा

मुख्य बदलाव और उनके निहितार्थ

वित्त अधिनियम 2025 के तहत सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि जो व्यक्ति पहले ही रिटायर हो चुके हैं, उन्हें भविष्य में किसी भी वेतन संशोधन का स्वत: लाभ नहीं मिलेगा। इसका मतलब यह है कि अगर 8वां वेतन आयोग लागू होता है और महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी होती है, तो पहले से रिटायर हो चुके कर्मचारियों को इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा।

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सरकारी जिम्मेदारी में बदलाव

नए अधिनियम में एक क्रांतिकारी बदलाव यह किया गया है कि अब रिटायर्ड कर्मचारियों के वित्तीय कल्याण की जिम्मेदारी सरकार पर बाध्यकारी नहीं है। यह सरकार के विवेक पर छोड़ दिया गया है कि वह पेंशन में संशोधन करना चाहती है या नहीं। यह निर्णय उसी क्षण से प्रभावी हो जाएगा, जब सरकार आधिकारिक आदेश जारी करेगी।

बकाया राशि का उन्मूलन

सबसे चौंकाने वाला प्रावधान यह है कि अब किसी भी तरह के पेंशन संशोधन में बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा। पहले अगर किसी वेतन आयोग की सिफारिशें पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू होती थीं, तो उस अवधि का बकाया भुगतान किया जाता था। अब यह व्यवस्था समाप्त हो गई है।

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न्यायिक समीक्षा से वंचित

अदालत में चुनौती पर रोक

इस नए कानून का सबसे गंभीर पहलू यह है कि सेवानिवृत्त कर्मचारी अब इन नियमों को अदालत में चुनौती नहीं दे सकते। यह प्रावधान उनके संवैधानिक अधिकारों को सीमित करता है और उन्हें न्यायिक सुरक्षा से वंचित करता है। अब अगर कोई व्यक्ति इन नियमों को अनुचित या भेदभावपूर्ण मानता भी है, तो वह कानूनी कार्रवाई नहीं कर सकता।

कानूनी सुरक्षा का अभाव

यह प्रावधान सेवानिवृत्त कर्मचारियों को कानूनी लाचारी की स्थिति में डाल देता है। पहले वे अपने अधिकारों के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकते थे, लेकिन अब उनके पास यह विकल्प नहीं है।

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Sunil Chauhan

मै पिछले दस साल से पत्रकारिता में कार्यरत हूं। जल्दी से जल्दी देश की की ताजा खबरे को आम जनता तक पहुंचाने के साथ समस्याओं को उजाकर करना है।

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