न लाइटें, न डेनेज, न ही एसटीपी, कई एकड में भरा है दूषित पानी
HSIIDC, धारूहेडा: करोडों रूप्ए का राजस्व देने वाला औद्योगिक कस्बा सुविधाओं के लिए तरस रहा है। औद्योगिक कस्बे में करीब आठ साल पहले प्रस्तावित कार्य आज भी अधर में लटके हुए है। औद्योगिक कस्बा सिर्फ दूषित पानी स्टोरेज का ठहिया बन कर रह गया है।

धारूहेडा: कस्बे की सहगल कपनी के पास औद्योगिक कस्बे में भरा दूषित पानी
बता दे कि कस्बे में राष्टीय, अंतराष्ट्रीय व छोटे बडे 112 उद्योग संचालित है। जबकि 20 से अधिक कंपनियां बंद पडी हुई है। 2015 में रेवाडी के विधायके ने एचएसआइडीसी से बैठक आयोजित उसके कार्यकाल में सुविधाओ लेकर बीडा उठाया था। जबकि 30 साल से औद्योगिक कस्बे की हालात बदहाल थी। ओद्योगिक कस्बे को एचएसवीपी से भले ही एचएसआईडीसी ने ले लिया हो, लेकिन सुविधाओ के नाम पर उद्योगपति तरस रहे है।

दिया गया था टैडर: विधायक रणधीर सिंह के प्रयास से सएचआईडीसी की ओर से से सडक, सेफृटी टेंक, स्ट्रीट लाईन व डेनेज सुविधाओ के लिए 130 करोड का टैंडर हुआ था। विभाग की ओर को कार्यों का शुभांरभ भी विधायक रणधीर सिंह ने हरी झंडी दिखाकर किया था। लेकिन इनकी कोई सुध लेने वाला ही नहीं है। यही कारण है पिछले एक दशक में यहां पर कोई भी नया उद्योग स्थापित नहीं हुआ है।
Haryana News: 7 जिलो में इंटरनेट सेवा बहाल, जानिए कब तक
सडक का काम पूरा, बाकी कुछ नही: उस समय विधायक प्रयास से सडकों कार्य जोर शोर से चला। ऐसे में कारोना काल के चलते कार्य रूक गया था। सडकों के कार्य के लिए करीब 32 करोड का टैंडर था। वही शेष कार्य सेफ्टी टेंक, स्ट्रीट लाईट व डेनेज का कार्य अभी भी अधर में लटका हुआ है।
………..
औद्योगिक कस्बे में न तो ड्रेनेज है तथा न ही लाईटें है! रात कां कंपनियों में जाते समय बडी परेशानी उठानी पडती है! बरसात के समय तो सडको पर जलभराव हो जाता है।
पीयूष गुप्ता, सीनीयर वाइस प्रजिडेंट, रीवेंट इंजीनियरिंग
……
सुविधाओ को लेकर धारूहेडा तरस रहा है। धारूहेडा मे सडके तो बनी है लेकिन लाईट व ड्रेनेज व एसटीवी का अभाव है! राजस्थान का काला पानी जगह जगह भरा हुआ है।
ब्रहप्रकाश, जीएम, पेरामाउंट कंपनी………..
एचएसआईडीसी की ओर सडक, लाईट व ड्रेनेज के लिए टैंडर दिया हुआ है, लेकिन कार्य अधर मे लटके हुए हैं। शिकायत करके थक चुके है
संदीप यादव, उद्योगपति
…….
मेरे कार्यकाल मेंं धारूहेडा औद्योगिक कस्बे के विकास कार्यो के लिए करीब 130 करोड का टैंडर हुआ था! उस समय कार्य शुरू कर दिया गया था! कारोना के चलते कार्य अस्त व्यस्त हो गया था। अब दोबारा से बचे हए कार्य को सीएम तक पहुंचाया जाएगा!
पूर्व विधायक रेवाडी, रणधीर सिंह कापडीवास
औद्योगिक कस्बे में न तो ड्रेनेज है तथा न ही लाईटें है! रात कां कंपनियों में जाते समय बडी परेशानी उठानी पडती है! बरसात के समय तो सडको पर जलभराव हो जाता है।
सुविधाओ को लेकर धारूहेडा तरस रहा है। धारूहेडा मे सडके तो बनी है लेकिन लाईट व ड्रेनेज व एसटीवी का अभाव है! राजस्थान का काला पानी जगह जगह भरा हुआ है।
एचएसआईडीसी की ओर सडक, लाईट व ड्रेनेज के लिए टैंडर दिया हुआ है, लेकिन कार्य अधर मे लटके हुए हैं। शिकायत करके थक चुके है














