राव इंद्रजीत के बेटी आरती राव के ऐलान, भाजभाईयोंं के लिए बना आफत
Haryana News: राव इंद्रजीत सिंह दक्षिण हरियाणा के बड़े नेता और वर्तमान में मोदी सरकार में मंत्री भी हैं। राजनीति में अपनी अच्छी पकड के चलते वे दक्षिण हरियाण में कद्दार नेता माने जाते है। आरती राव की चुनाव लडने की घोषणा से खलबली मची हुई है।
Haryana में कुछ समय बाद यानि अक्टूबर में विधासभा चुनाव होने हैं। हर विधानसभा से लोग अपने अपने प्रचार को लेकर बैठके कर रहे है। इससे पहले ही राव इंद्रजीत सिंह अपनी ही पार्टी की मुसीबतें बढ़ा सकते हैं। अबकी बार विधानसभा का चुनाव अपनी बेटी आरती सिंह को लड़वान चाह रहे है।
आरती सिंह को नहीं मिला मौेका: बता दे कि केंद्रीय राज्य राव इंद्रजीत सिंह ने साल 2014 और 19 में भी अपनी बेटी के लिए बीजेपी से टिकट मांगी थी, लेकिन पार्टी ने आरती सिंह को मौका नहीं दिया। इसी के चलते राव साहब ने अपने चेहते सुनील मुसेपुर को टिकट दिलाया था।
सुनील मुसेपुर ने 2019 में भाजपा से रेवाड़ी से चुनाव लडा था। लेकिन भाजपा में गुट बाजी के चलते सुनील मुसेपुर को हार देखनी पडी ओर इस भाजपा की कलह का फायदा अजय कप्तान के बेटे चिरंजीव राव को मिल गया। वो कम मत होने के बावजूद इनके कलह का फायदा उठाते हुए जीत गए।
दो साल से कर रही है प्रचार: आरती राव अटेली विधानसभा सीट का दौरा कर चुकी है और भविष्य में वह बादशाहपुर, नारनौल विधानसभा क्षेत्रों का दौरा भी करेंगी। इतना ही वह अपने पिता के वोट के लिए उसने इस बार जी तोड मेहनत की थी। केंद्रीय मंत्री लोकसभा चुनाव मे ये ऐलान कर चुके है कि शायद ये उनका आखिरी चुनावा हो।
आरती सिंह कर चुकी है ये घोषणा: आरती सिंह ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा था, “लोग मुझे चुनाव लड़ने के लिए कह रहे हैं और मुझे समर्थन भी दे रहे हैं. मैं निश्चित रूप से चुनाव लडूंगी या तो बीजेपी की टिकट पर या निर्दलीय.”
नरवीर सिंह यादव ने भरी हुंकार: अहीरवाल के एक और बड़े भाजपा नेता राव नरवीर सिंह भी बादशाहपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर सकते हैं। वो भी अपने चुनावी प्रचार में कह चुके हैं कि चाहे उन्हें निर्दलीय ही चुनाव लड़ना पड़े वह चुनाव मैदान में जरूर उतरेंगे। हालांकि प्रयास यह है कि भाजपा से टिकट मिल जाए।