हरियाणा /गढ़मुक्तेश्वर। अस्थि विसर्जन करने आए हरियाणा के 11 लोगों से भरी नाव पलट गई। गनीमत यहीं रही कि वहां पर मौजूद स्थानीय गोताखोरों की टीम ने सभी को सकुशल बाहर निकाल लिया। इस दौरान हुए हादसे से पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया है। मौके पर पहुंचकर डीएम व एसपी ने जायजा लिया।अलवर से रेवाड़ी में स्मैक सप्लाई करने वाली महिला काबू
हरियाणा के रेवाड़ी के बावल कस्बे के गांव खिजूरी निवासी अशोक कुमार अपने परिवार के लोगों के साथ मृतक दादी फूला देवी की अस्थि विसर्जन करने के आए थे। उन्होने ने एक नाव कर ली तथा उसमें सभी लोग सवार होकर गंगा की बीच धारा में अस्थि विसर्जन के लिए चल दिए। नाविक नियंत्रण खो बैठा और नाव पलट गई।
शोर सुनकर सुरक्षा के लिए तैनात राजमल केवट और उसके साथियों ने तुरंत ही गंगा में छलांग लगा दी। जिन्होंने गंगा में डूब रहे लोगों को करीब आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सकुशल बाहर निकाल लिया, लेकिन नाव गंगा में समा गई। गनीमत रहीं कि बडा हादसा टल गया।
मची अफरा तफरी: हादसे में अशोक कुमार की अंगुली कट गई, जिससे वह घायल हो गए। मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने घायल को उपचार दिलाया। हादसे की सूचना के बाद डीएम प्रेरणा शर्मा, एसपी अभिषेक वर्मा, एएसपी मुकेश चंद्र मिश्रा, एसडीएम अंकित कुमार वर्मा, सीओ आशुतोष शिवम भी मौके पर पहुंच गए।सावधान! दिल्ली जयपुर हाईवे पर काटे जा रहे है चालान
जानिए क्यों हुआ हादसा: गंगा में चलने वाली नाव और नाव में पालिका स्तर से नाविक समेत केवल 11 लोगों को बैठाने की अनुमति है। लेकिन हादसे के दौरान मोटरबोट में अस्थि विसर्जन के लिए आए 11 लोगों के अलावा दो अन्य लोग मौजूद थे।
इतना ही नहीं इसके अलावा लाइफ जैकेट समेत सुरक्षा के उपकरण भी नहीं थे। नाव में केवल 6 सवारी बढाने के आदेश है। बहाव ज्यादा होने के चलते नाव चलाने का प्रतिबंध होने के बावजूद नाव चलाई जा रही है।
नाव में अशोक के साथ उनके भाई करतार, सोनू, सतीश, मोनू, पुनित, जोनी के अलावा कविश, अमन, प्रिंस और डूग्गी सवार थे। बताया जा रहा हे कि नाव को चलाने वाला नाविक नाबालिग है।
तीन दिन तक नाव संचालन पर लगाई रोक
जलस्तर बढ़ने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से 15 जुलाई तक गंगा में नाव व मोटरबोट के संचालन पर रोक लगा दी गई है। नाव पलटने को लेकर जांच करवाई जा रही है।
मुकेश चंद्र मिश्रा, एएसपी